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मेरा शहर मेरी पहल व भूगर्भ जल विभाग के संयुक्त तत्वाधान में हुई वेबनार

मेरठ मेरा शहर मेरी पहल व भूगर्भ जल विभाग के संयुक्त तत्वाधान में भूजल जल सप्ताह के दौरान शांति निकेतन विद्यापीठ मवाना रोड मेरठ, द्वारा वेबनार के माध्यम से की गई जिसमें,भूजल के सरंक्षण को लेकर मेरा शहर मेरी पहल के कोऑर्डिनेटर अंकुश चौधरी ने भूजल के गिरते स्तर पर प्रकाश डाला और बताया कि पानी का स्तर निरंतर न्यूनतम होता जा रहा है । यदि इस समस्या पर ध्यान न दिया गया तो आने वाली पीढ़ी के लिए विकट समस्या का सामना करना पड़ जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्तर पर जल संरक्षण एवं संग्रहण के लिए कार्य करना पड़ेगा। बच्चे जल के महत्ता को समझें और जल संरंक्षण एवम जल संवर्धन पर विशेष ध्यान दें, क्योकि भारत जनसंख्या के मामले में दूसरे स्थान पर है। पीने के पानी की कमी होती जा रही है, हमें मिल-जुलकर पानी बचाने की व संग्रहण की विधि आम आदमी को बतानी होगी।
उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों की औसत वर्षा पर नजर डालें तो शुरू के 5 वर्षों की वर्षा का औसत 854.44 मिमी था, जबकि बाद के 5 वर्षों का औसत केवल 628.16 मिमी है अर्थात बारिश में भयंकर कमी आई है। मेरठ जिले में 1118 तालाब विलुप्त हो गए हैं, जबकि बचे 1944 तालाबों में से 1229 में ही पानी है । 2086 कुओं में से मात्र 545 में ही पानी बचा है, वह भी अत्यंत प्रदूषित है। नहरों के पानी में कमी आई है, और भूमिगत जलस्तर तेजी से गिर रहा है । जहां एक ओर पानी के विभिन्न स्रोतों में निरंतर गिरावट देखी जा रही है, वहीं दूसरी ओर पानी की अत्यधिक आवश्यकता वाली फसलों और नलकूपों के फैलते जाल के कारण पानी का दोहन अप्रत्याशित दर से बढ रहा है. मेरठ में 45065 नलकूप और 10761 हैंडपंप इसी दोहन की कहानी कह रहे हैं।

भूजल एक्सपर्ट बी.डी.शर्मा कन्वीनर इंडियन वाटर रिसोरस जल संग्रहण के तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला एवं आर.ओ. व वाटर प्यूरीफाइ द्वारा पानी के दुरूपयोग को रोकने के उपाय बताए। उन्होंने बताया कि चेरापूंजी में संसार की सबसे ज्यादा मात्रा में बारिश होने के बाद भी वहां पानी की इसीलिए कमी है कि वहां पर जल संरंक्षण के उचित उपाय नही किये गए हैं । *उन्होंने सभी बच्चों से जल बचाने के उपायों पर चर्चा करते हुए जल बचाने की अपील की।

भूगर्भ जल विभाग से आमोद कुमार वरिष्ठ भूभौतिकीविद् व सुश्री साची कसल सहायक अभियंता मौजूद रही। उन्होंने बताया 300 मीटर के आवासीय भवनों में आवश्यक रूप से वाटर हार्वेस्टिंग होनी चाहिए। वन विभाग द्वारा चलाए सारे अभियानों के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की और बताया मेरठ के कई क्षेत्र रेड जोन में शामिल है इसलिए जल बचाने की नितांत आवश्यकता है

एस.के शर्मा ने कहा कि उनके अनुसार यदि सब अपने-अपने स्तर पर जल बचाने के लिए घर व स्कूल के आस-पास लोगों को जागरूक करेंगे तो यह छोटा सा कदम समाज में नया बदलाव ला सकता है।

विपुल सिंघल ने बच्चों को भूजल बचाने व जल संरक्षण की शपथ दिलाई।*बच्चों ने प्रण लिया कि पानी की हर बूंद को बचाएँगें घर-घर जाकर लोगों को जल संरक्षण एवं संग्रहण के लिए प्रेरित करेंगे।

कार्यक्रम को सफल बनाने में, मेरा शहर मेरी पहल से कार्यक्रम संयोजक अंकुश चौधरी , मेरा शहर मेरी पहल के जॉइंटसेक्रेटरी अमित कुमार अग्रवाल , विपुल सिंघल , आयुष, पीयूष, एस के शर्मा , भूजल एक्सपर्ट के तौर पर बी.डी शर्मा कन्वीनर इंडियन वाटर रिसोरस ,भूगर्भ जल विभाग से आमोद कुमार वरिष्ठ भूभौतिकीविद् व सुश्री साची कसल सहायक अभियंता मौजूद रहे।

स्कूल की और से प्रियंका शर्मा ने सभी का धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया की भविष्य में भी संस्था द्वारा किये जाने वाले सभी सामाजिक कार्यों मे स्कूल की ओर से पूरा सहयोग रहेगा।

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