दिल्ली -37 वर्षीय पैरा शूटर मोना अग्रवाल ने पेरिस पैरालंपिक में तीन पदक स्पर्धाओं में हिस्सा लिया है। अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में लगातार विजयी प्रदर्शनों के बाद क्वालिफाई करने वाली मोना ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। अब वह मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन आर6 स्पर्धा और महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन आर8 स्पर्धा में भाग लेंगी।
पेरिस पैरालंपिक के मुकाबले शुरू हो चुके हैं। पैरा शूटर मोना अग्रवाल ने शुक्रवार को 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा में 228.7 का स्कोर बनाकर तीसरा स्थान हासिल किया और भारत को कांस्य पदक दिलाया। वहीं, पैरा शूटर अवनि लेखरा ने स्वर्ण पदक जीता। अवनि ने टोक्यो पैरालंपिक में 249.6 का स्कोर बना पैरालंपिक रिकॉर्ड बनाया था। इस बार उन्होंने 249.7 का स्कोर बनाया और अपने ही पैरालंपिक रिकॉर्ड को तोड़ दिया। दक्षिण कोरिया की युनरी ली ने 246.8 का स्कोर बनाया और रजत पदक हासिल किया।
37 वर्षीय पैरा शूटर मोना अग्रवाल ने पेरिस पैरालंपिक में तीन पदक स्पर्धाओं में हिस्सा लिया है। अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में लगातार विजयी प्रदर्शनों के बाद क्वालिफाई करने वाली मोना ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। अब वह मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन आर6 स्पर्धा और महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन आर8 स्पर्धा में भाग लेंगी।
कौन हैं मोना अग्रवाल?
पेरिस पैरालिंपिक में भाग लेने वाले हर एथलीट की अपनी कहानी है। हर कोई उनसे प्रेरणा ले रहा है लेकिन मोना अग्रवाल की कहानी खेल प्रेमियों को अधिक प्रेरित कर सकती है। राजस्थान के सीकर में जन्म लेने वाली मोना का जीवन संघर्षों भरा रहा है। पोलियो की बीमारी के कारण वह बचपन से ही चलने में असमर्थ हो गई थीं। इसके अलावा उनहें लड़कियों के प्रति पूर्वाग्रह के कारण भी समाज के तानों का सामना करना पड़ा। मोना अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सकीं। पैरा-शूटर बनने के लिए वह जयपुर चली गईं। उनकी दादी ने उन्हें इसके लिए प्रेरित किया।
2021 में पैरा शूटिंग में आजमाया हाथ
व्हीलचेयर के जरिए चलने वाली मोना ने पैरा एथलेटिक्स की ओर रुख किया। उन्होंने शॉट पुट, डिस्कस, जेवलिन थ्रो और पावरलिफ्टिंग में हाथ आजमाया और राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में पहुंचकर अपनी पहचान बनाई। हालांकि, उनका शरीर एथलेटिक्स की कठोरता को झेलने में असमर्थ था तब उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए 2021 में पैरा शूटिंग की ओर रुख किया।
डब्ल्यूएसपीएस विश्व कप 2024 में जीता स्वर्ण
मोना का सपना तब सच हुआ जब उन्हें 2023 में क्रोएशिया के ओसिजेक में होने वाले डब्ल्यूएसपीएस विश्व कप के लिए चुना गया। इसमें उन्होंने पहले प्रयास में ही कांस्य पदक जीता था। उसके बाद उन्होंने 2022 एशियाई पैरा खेलों और लीमा में 2023 डब्ल्यूएसपीएस चैंपियनशिप के जरिए पेरिस 2024 पैरालंपिक के लिए क्वालिफाई करने का लक्ष्य रखा। हालांकि, वह पैरालंपिक के लिए क्वालिफाई करने से चूक गई थीं। हालांकि, उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित हुए डब्ल्यूएसपीएस विश्व कप 2024 में सफलता हासिल की। इसमें उन्होंने 250.7 का कुल स्कोर दर्ज करके स्वर्ण पदक जीता था।