गुरुवार को इंदौर में आयकर विभाग ने एक बड़ी कार्यवाही की है। आयकर विभाग द्वारा शहेर के बड़े रियल एस्टेट कारोबारियों के यहां छापे मारे गए। बताया जा रहा है कि इंदौर शहेर में आयकर विभाग ने रियल एस्टेट कारोबारियों में शुमार होना वाला बादलचंद मेहता (बीसीएम) समूह के 40 से ज्यादा ठिकानों पर छापा मारकर जांच शुरू की है। उल्लेखनीय है कि, इंदौर में बीसीएम ग्रुप दशकों से रियल एस्टेट के बड़े प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए पहचाना जाता है।
आयकर विभाग के निशाने पर रियल एस्टेट कारोबारी
इंदौर के आयकर विभाग के निशाने पर शहर के रियल एस्टेट कारोबारी है। बीते चार-पांच महीनों में शहर के पांचवे सबसे बड़े समूह पर छापा मारा गया है। इंदौर के साथ मुंबई, बैंगलुरु और कोलकाता में भी समूह से जुड़े भागीदारों और रेशो डील करने वाले के यहां जांच के लिए टीमें पहोंची है। बता दें कि बीसीएम ग्रुप अकेला एक ऐसा रियल एस्टेट समूह है जिसके नाम पर शहर में एक रोड का निर्माण भी किया गया है।
जमीन की कीमतों का मुल्य कम दिखाया गया
रिलायंस समूह के कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल के साथे बीसीएम समूह का नाम जुड़ने के बाद यह ग्रुप चर्चा में आया था। इंदौर में इस अस्पताल के लिए बीसीएम समूह ने ही जमीन मुहैया करवाई है। सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग को सूचना मिली थी कि प्रोजेक्ट के लिए खरीदी जाने वाली जमीन की कीमतों के साथ बिक्री कीमतें का भी कागज पर कम मूल्य दिखाया जा रहा है। साथ ही कैपिटल गेन के मामले में भी गड़बड़ी है। बीते दिनों कुछ आयकर विभाग के अधिकारी खरीदार बनकर समूह के प्रोजेक्ट के लिए पहोंचे। कागज पर कम दामों पर बिक्री दिखाने की पुष्टी होने के बाद छापे मारे गए। गुरुवार सुबह समूह में पैसा लगाने वाले शहर के कुछ अन्य कारोबारियों के यहां भी आयकर टीमें पहुंची है। बीसीएम समूह के डायरेक्टरों में राजेश मेहता, अरुण मेहता, नवीन मेहता, रोहिन मेहता व ऋषभ मेहता के नाम शामिल है।