उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान बोर्ड परीक्षाओ में नक़ल पर पूरी तरह से रोकथाम लगा दी है। अगले महीने फरवरी में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं में भी नक़ल पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा परिषद को हर जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन करते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरफ से परीक्षाओं के दौरान कक्ष निरीक्षकों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जारी किये गए दिशा निर्देशों में कक्ष निरीक्षकों के चयन से लेकर उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों और उत्तरदायित्वों का पूरा विवरण दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल के अनुसार प्रत्येक कक्ष में दो कक्ष निरीक्षक लगाए जाएंगे और हर पांच कक्षों के बीच एक अवमोचक की व्यवस्था रखी जाएगी। यदि एक कक्ष में 40 से ज्यादा छात्र परीक्षा दे रहे होंगे तो वहां तीन कक्ष निरीक्षक भी नियुक्त किए जा सकेंगे। जिन परीक्षा केंद्रों पर बालिकाओं की परीक्षा होगी वहां पर महिला कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य रूप से की जाएगी।
परीक्षा केंद्र पर 50 प्रतिशत कक्ष निरीक्षक बाहरी रखे जाएंगे। इसी तरह ऐसे कक्ष निरीक्षक जिनके परिचित और रिश्तेदार जिस परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दे रहे हैं वो उस केंद्र पर कक्ष निरीक्षण कार्य के लिए नहीं रखे जाएंगे ।यही नहीं, परीक्षाओं की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए निर्णय भी लिया गया है कि परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं में यह जरूर देखा जाएगा कि परीक्षा केंद्रों पर उन विद्यालयों के शिक्षकों को नियुक्त न किया जाए जिन विद्यालयों के छात्र उस केंद्र पर परीक्षा दे रहे हों
कक्ष निरीक्षकों को उनके कार्यों की भी जिम्मेदारी दी गई है। इसके अनुसार प्रश्नपत्रों की गोपनीयता और सुरक्षा का पूरा ध्यान देना होगा। साथ ही यह भी देखना होगा कि परीक्षार्थी किसी भी नकल सामग्री, मोबाइल फोन, कैलकुलेटर या ऐसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर परीक्षा कक्ष में प्रवेश ना कर पाएं। कक्ष निरीक्षक परीक्षा कक्ष में निरीक्षण कर सुनिश्चित करेंगे कि परीक्षार्थियों को लाभ पहुंचाने वाली कोई पाठ्य सामग्री, पोस्टर, चार्ट, ब्लैक बोर्ड पर लिखित निर्देश न हो।