लखनऊ में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर शनिवार को मेरठ मंडल के सांसदों व विधायकों की बैठक हुई।
जिसमें मेरठ-हापुड के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, बागपत के सांसद सत्यपाल सिंह, बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह, मंत्री डा0सोमेन्द्र तोमर, केपी मलिक, मेरठ कैंट से भाजपा विधायक अमित अग्रवाल, नोएडा के विधायक पंकज सिंह के साथ साथ बागपत, हापुड, बुलंदशहर, मेरठ, गाजियाबाद व नोएडा के सभी भाजपा सांसद व विधायक मौजूद रहे। बैठक में जनप्रतिनिधियों की सीएम योगी से क्षेत्र के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई
*बड़ी खबर : लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे योगी, मेरठ मंडल के 23 विधायकों को बुलाया लखनऊ -*
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री ने शनिवार की सुबह 11:00 बजे लखनऊ में मेरठ मंडल के विधायकों के साथ बैठक बुलाई है। जिसमें कई महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा होगी। मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर हुई पार्टी की हार पर भी चर्चा करेंगे। इसके अलावा सरकार और संगठन की मौजूदा दशा पर चर्चा होगी। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अब मंडलवार विधायकों को बुलाकर बैठकों का दौर शुरू करने जा रहे हैं।
*विधायकों को देंगे जनता के बीच बने रहने की हिदायत*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़ और गाजियाबाद जिलों के 23 विधायकों के साथ बैठक करेंगे। दरअसल, मेरठ मंडल के 3 जिलों में 28 विधानसभा सीट हैं। इनमें से मेरठ की चार और बागपत की एक विधानसभा सीट पर विपक्षी दलों के विधायक हैं। योगी आदित्यनाथ भारतीय जनता पार्टी के सभी विधायकों को निरंतर क्षेत्र में बने रहने की हिदायत देंगे। मुख्यमंत्री मौजूदा सांसदों की स्थिति पर भी चर्चा करेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक योगी आदित्यनाथ सांसदों की कार्य प्रणाली, दोबारा चुनाव लड़ने पर स्थिति और जनता के बीच सांसदों की लोकप्रियता पर भी चर्चा होगी।
*किसानों के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मेरठ मंडल*
राष्ट्रीय लोकदल, समाजवादी पार्टी और भारतीय किसान यूनियन मेरठ मंडल में अच्छे-खासे सक्रिय हैं। दरअसल, मेरठ मंडल के गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद जिलों को छोड़कर बाकी चार जिलों में किसान बाहुल्य विधानसभा सीटें हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरठ मंडल को लेकर खास रणनीति तैयार करेंगे। जिसमें विधायकों को किसानों के बीच जाने और उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर हल करवाने की हिदायत दी जाएगी। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव में उनके विधायक महत्वपूर्ण भूमिका में रहें। सारे विधायक भारतीय जनता पार्टी के लिए आगे बढ़कर काम करें।
*लोकसभा चुनाव में फिर बड़ी कामयाबी चाहते हैं योगी*
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश ने भारतीय जनता पार्टी को बंपर समर्थन दिया था। बीजेपी को राज्य से 75 सीटें मिली थीं। बाकी सारे विपक्षी दल केवल 5 सीटों पर सिमट गए थे। पिछले यानी 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खाते में 62 और सहयोगी अपना दल की झोली में दो सांसद आए थे। इस तरह भाजपा को 11 सांसदों का झटका लगा था। उपचुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने कामयाबी हासिल की। समाजवादी पार्टी के गढ़ में जीत हासिल की हैं। आजमगढ़ और रामपुर जैसी लोकसभा सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में चली गईं। अब योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि किसी भी सूरत में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन साल 2019 से कमतर नहीं होना चाहिए। इसी चुनौती पर पार पाने के लिए वह रणनीति तैयार कर रहे हैं ।।