प्रधानमंत्री मोदी को लगातार तीसरी बार केंद्र में सत्ता पर बैठाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कमर कस ली है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में इसका रोड मैप भी तैयार कर लिया है। लोकसभा चुनाव 2024 में अगर भारतीय जनता पार्टी को अपना परचम लहराना है तो उसके लिए पार्टी को उत्तर प्रदेश में अपना प्रदर्शन जबरदस्त करना होगा। कहाँ भी गया है के केंद्र की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। 2014 के बाद से भाजपा की लगातार जीत ने इस बात को साबित भी किया है की उत्तर प्रदेश के पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग को साधे बिना प्रदेश और केंद्र की गद्दी को पाना मुश्किल है। ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी इसी रणनीति को अपनाने के योजना बना रही है। 16 और 17 जनवरी को दिल्ली में हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में पार्टी द्वारा उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को लोकसभा चुनाव में पिछड़ों को साधने का संदेश दिया गया।
कल संपन्न हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के साथ ही पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उत्तर प्रदेश में अपनी जीत के सिलसिले को बनाए रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पिछड़ों को साधे रखने की रणनीति अपनाई है। प्रदेश के पिछड़े वर्ग में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पार्टी का चेहरा माना जाता है। केशव प्रसाद मौर्या विधानसभा चुनाव हार गए थे इसके बावजूद भाजपा ने केशव को प्रदेश का उप मुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद उन्हें विधान परिषद में नेता सदन की जिम्मेदारी सौंपकर उनका कद और बढ़ाया। और अब राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केशव से राजनीतिक प्रस्ताव का अनुमोदन कराकर भी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में यह संदेश देने कि कोशिश की है कि पिछड़ा वर्ग पार्टी के केंद्र में है।