मेरठ में पिछले कई दिनों से दहशत का पर्याय बना तेंदुआ वन विभाग के हत्थे तो नहीं चढ़ा। परंतु, सोमवार देर रात दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे पर एक वाहन की टक्कर से तेंदुए की मौत हो गई। सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने तेंदुए के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
मेरठ में पिछले कई माह से तेंदुआ दहशत का पर्याय बना हुआ था। टीपीनगर थाना क्षेत्र, कीर्ति पैलेस, कैंट एरिया व अन्य स्थानों पर तेंदुआ देखा गया। जिसके, बाद से लोगों में दहशत बनी हुई थी। रातों को लोग पहरा दे रहे थे। तेंदुए के पंजों के निशान वन विभाग को दिखाई दिए। लेकिन, तेंदुआ वन विभाग के हत्थे नहीं चढ़ सका।
लगातार तेंदुए की तलाश वन विभाग कर रहा था। सोमवार देर रात मेरठ- दिल्ली एक्सप्रेस वे पर जंगल से निकले तेंदुए ने जैसे ही छलांग लगाई, तेज रफ्तार कार से तेंदुआ टकरा गया। जिस, कारण तेंदुए की मौके पर ही मौत हो गई। इस दौरान हाइवे पर वाहन रुक गए और तेंदुए को देखा। सूचना पर पहुंची पुलिस व वन विभाग की टीम ने तेंदुए के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
पहले भी सड़क हादसे में हो चुकी है तेंदुए की मौत
सन 2011 में आबादी वाले इलाके में तेंदुआ होने का जमकर शोर मचा था। परंतु, वन विभाग कभी जंगली बिल्ली तो कभी कुत्तों के पंजों के निशान की बात कह कर पल्ला झाड़ता रहा। एनएच 58 हाइवे स्थित वलीदपुर गांव के सामने हाईवे पार करने के दौरान तेंदुआ वाहन से टकराकर मर गया था। जिसके, बाद वन विभाग ने आबादी में तेंदुए की दस्तक की बात स्वीकार की थी। यह, दूसरी घटना है जब तेंदुआ वन विभाग के हत्थे नहीं चढ़ सका और हाईवे पर दुर्घटना के चलते तेंदुए की मौत हो गई।