नई दिल्ली- सोमवार यानी 14 सितबंर से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है. लेकिन इस बार सत्र शुरू होने से पहले कोई सर्वदलीय बैठक नहीं होगी. पिछले 20 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ था. किसी भी सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक की एक परंपरा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और विपक्षी नेताओं के बीच बढ़ती दूरियों के चलते ऐसा नहीं हो पा रहा है. इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ने रविवार को संसद की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक बुलाई थी.
सुबह 11 बजे हुई इस बैठक में संसद सत्र के एजेंडा पर चर्चा हुई. बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और असदुद्दीन ओवैसी शामिल हुए थे. इस बार के सत्र में विपक्ष की ओर से भारत-चीन विवाद, कोरोना वायरस और अर्थव्यवस्था के मुद्दे उठाये जा सकते हैं. बता दें कि साल 2017 में देश की सुरक्षा का हवाला देकर मोदी सरकार ने डोकलाम पर चर्चा कराने से इनकार कर दिया था. इस बार के सत्र से प्रश्नकाल को भी हटा दिया गया है.
मार्च के महीने में लॉकडाउन के ऐलान के कुछ दिन पहले ही संसद का सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था. इस साल जून के महीने में भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी. इस दौरान भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे. ऐसे में विपक्ष ये मुद्दा इस बार के सत्र में जोरशोर से उठाने की तैयारी में है.
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने 14 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले शुक्रवार को कोविड-19 जांच करायी. राज्यसभा के सभी सदस्यों के लिए सत्र में भाग लेने से पहले प्रत्येक सदस्य को कोविड-19 (आरटी-पीसीआर) परीक्षण कराना जरूरी है. सदस्यों से कहा गया है कि वे सत्र शुरू होने से पहले 72 घंटों के अंदर अपनी जांच कराएं. वे संसद भवन परिसर में या सरकार द्वारा अधिकृत किसी अस्पताल या लैबमें अपनी जांच करा सकते हैं.
लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक दोनों सदनों की कार्यवाही अलग-अलग पालियों में सुबह नौ बजे से एक बजे तक और तीन बजे से सात बजे तक चलेगी. शनिवार तथा रविवार को भी संसद की कार्यवाही जारी रहेगी. संसद सत्र की शुरुआत 14 सितम्बर को होगी और इसका समापन एक अक्टूबर को प्रस्तावित है. सिर्फ पहले दिन को छोड़कर राज्यसभा की कार्यवाही सुबह की पाली में चलेगी जबकि लोकसभा शाम की पाली में बैठेगी