फरीदाबाद, 18 जुलाई। एनआईटी साइबर थाना पुलिस ने एयर एशिया में नौकरी दिलवाने के नाम पर देशभर में ठगी की 335 वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि इनके दो साथियों की तलाश की जा रही है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मुतीब अहमद, मोहम्मद फैयाज, ललित, मोहम्मद फईम तथा शहबाज अहमद उर्फ गोलू का नाम शामिल है। आरोपी मोहम्मद फहीम तथा शहबाज अहमद उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं वहीं बाकी तीन आरोपी दिल्ली में रह रहे थे।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि साइबर ठग गिरोह ने ऑनलाइन नौकरी तलाश की वेबसाइट shine.com का सहारा लेकर फरीदाबाद के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया। विगत 24 जून 2022 को साइबर पुलिस थाना एनआईटी में धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें पीड़ित सुभाष ने बताया कि आरोपियों ने उसके साथ 6.80 लाख रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। पीड़ित की शिकायत के आधार पर थाने में मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई। साइबर थाना की टीम ने तकनीक के माध्यम से मामले में शामिल पांच आरोपियों को उत्तर प्रदेश व दिल्ली एनसीआर एरिया से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में सबसे पहले आरोपी मुतीब तथा फैयाज को दिल्ली के शाहदरा स्थित एक कॉल सेंटर से गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लिया गया। उससे पूछताछ के बाद 3 जुलाई को आरोपी फईम तथा शहबाज को गिरफ्तार करके पुलिस रिमांड पर लिया गया तथा अंतिम आरोपी ललित को 9 जुलाई को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस रिमांड में पूछताछ के दौरान सामने आया कि आरोपी दिल्ली के शाहदरा में एक फर्जी कॉल सेंटर चलाते थे, जिसमें shine.com वेबसाइट से नौकरी की तलाश कर रहे व्यक्ति की जानकारी एकत्रित करते थे और उस व्यक्ति से संपर्क करके उन्हें एयर एशिया कंपनी में एक बहुत अच्छे सैलरी पैकेज का लालच देते थे, जिससे वह व्यक्ति उनके झांसे में आ जाता था। इसके पश्चात फिल्मी अंदाज में नौकरी की तलाश कर रहे व्यक्ति का इंटरव्यू लिया जाता था, जिसके पश्चात वह बताते थे कि उनका सिलेक्शन एयर एशिया के लिए हो चुका है और वह एयर एशिया का फर्जी ऑफर लेटर तैयार करके कुरियर के माध्यम से इसे व्यक्ति के घर पंहुचा देते थे। ऑफर लेटर मिलने के पश्चात जब व्यक्ति को यकीन हो जाता कि वह एयर एशिया कंपनी के लिए सेलेक्ट हो चुका है तो आरोपी उसे रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी चार्ज, मेडिकल चार्ज व ट्रेनिंग करवाने के नाम पर अलग-अलग बहानों से पैसे मांगते रहते थे और जब पैसा उनके खातों में ट्रांसफर हो जाता था तो अपना मोबाइल नंबर बंद कर लेते थे।