खेलों की दुनिया से ताल्लुक रखने वालों के लिए ब्रिटिश एथलीट मो फराह अनजाना नाम नहीं है। ब्रिटेन के खेलों के इतिहास में मो फराह को लंबी दूरी का सबसे कामयाब धावक माना जाता है। लेकिन उन पर बन रही एक डॉक्यूमेंट्री में खुद मो फराह ने अपने बारे में जो सच बयां किया वो उन्होंने ताउम्र छुपाए रखा। उसके बारे में कभी किसी को पता तक नहीं चलने दिया। और अपनी असली पहचान छुपाकर ही वो ब्रिटेन की नागरिकता हासिल करने में भी कामयाब रहे।
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में मो फराह कहते हैं कि ये बात उन्होंने तभी से छुपाए रखी जब वो सात आठ बरस की उम्र में गैरक़ानूनी तरीके से सोमालिया से ब्रिटेन पहुँचे थे और उनका असली नाम हुसैन अब्दी केहिन है।उन्होंने बताया जब वो चार साल के थे तो सोमालिया में छिड़े गृह युद्ध में उनके पिता मारे गए थे। और उसी दौर में मची एक भगदड़ में वो अपनी मां से बिछड़ गए थे। उसके बाद वो कुछ ऐसे लोगों के चंगुल में फंस गए जो गैरक़ानूनी तरीके से बच्चों को सोमालिया से यूनाइटेड किंगडम फर्जी नामों से भेजते थे। मुझे भी मोहम्मद फराह के नाम से भेजा गया था।ब्रिटेन पहुँचने के बाद मो फराह ने एक महिला के घर पर एक गुलाम की तरह नौकर का काम किया था, फिर भी उन्होंने अपनी पहचान छुपाए रखी।