एनवायरनमेंट एंड सोशल रिसर्च आर्गेनाइजेशन (एस्रो) के तत्वाधान में इंडियन बाल एकेड़मी बड़ौत के प्रांगण में सिंगल यूज प्लास्टिक बहिष्कार अभियान के अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस जागरूकता कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री हिमांशु जी ने किया। इस अवसर पर सिंगल यूज प्लास्टिक से छुटकारा पाने के लिए पुराने कपड़ों से बने थैले भी वितरित किए गए। जागरूकता कार्यक्रम में एनवायरनमेंट एंड सोशल रिसर्च आर्गेनाइजेशन (एस्रो) की जिला बागपत कोर्डिनेटर सुषमा रानी ने कहा कि आज प्लास्टिक विश्व की सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है, एक शोध के अनुसार हर व्यक्ति सुबह उठने से लेकर सोने तक पूरे दिन में लगभग 98 वस्तुएं प्लास्टिक की ही इस्तेमाल करता है जैसे बाल्टी, मग, ब्रश, पेस्ट की ट्यूब, साबुनदानी, स्नान करने के लिए स्टूल, टीवी-फ्रिज-ऐसी आदि। आप गिनते जाइए और प्लास्टिक का जीवन में प्रभाव देखते जाइए, ये एक ऐसा राक्षस मानव में अपने जीवन में खड़ा कर लिया है जिसका प्रभाव दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। अगर हमने इस पर लगाम नहीं लगाया तो एक दिन यह हमे खा जायेगा। इसीलिए अब समय आ गया है कि हम अपने जीवन में से सिंगल प्लास्टिक के इस्तेमाल को बाहर करे और अपने पुरानी पद्धति पर लोटे। तब ही प्रकृति और मानव सुरक्षित रहेगा।प्रधानाचार्य हिमांशु ने कहा कि जिस प्रकार जलवायु परिवर्तन का खतरा मंडरा रहा है वह गंभीर है। इसमें बहुत बड़ा हाथ प्लास्टिक का है, जिसको हमें अपने जीवन से निकलना ही होगा। जिसके लिए हमे अपनी आदतों में सुधार की आवश्यकता है। इस अवसर पर पारुल, विमलेश, सोनिया, रजत, नीति आदि उपस्थित रहे।
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