विश्व पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य पर एनवायरमेंट क्लब द्वारा वर्धमान एकेडमी स्कूल रेलवे रोड मेरठ में ‘अर्थ डे सम्मिट’ का आयोजन किया गया। जिसमें मेरठ के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने क्लब के प्रश्नों का उत्तर दिया व पर्यावरण संरक्षण पर स्वस्थ चर्चा हुई। कार्यक्रम का संचालन दिव्यांशी पाराशर ने किया। अर्थ डे सम्मिट में बतौर वक्ता अतिथि वन विभाग से डीएफओ राजेश कुमार, भूगर्भ जल विभाग मेरठ खंड से सहायक भूभौतिकीविद् नौरत्न कमल, नगर निगम से सहायक नगर आयुक्त बृजपाल सिंह, जिला युवा कल्याण अधिकारी डॉ सलोनी गर्ग, नई दिल्ली से युवा पर्यावरणविद अभीर भल्ला ने प्रतिभाग किया। प्रथम सत्र डीएफओ राजेश कुमार के साथ हुआ जिसमें बतौर मेजबान क्लब संस्थापक सावन कन्नौजिया ने उनसे बातचीत कि और पूछा कि इस वर्ष मेरठ में पौधारोपण का वन विभाग का क्या लक्ष्य है और भविष्य में मेरठ के पर्यावरण विकास हेतु क्या योजनाएं विभाग ला रहा है? उत्तर देते हुए डीएफओ राजेश कुमार ने कहा कि इस बार वन विभाग ने मेरठ जिले में 33 लाख पौधरोपण करने का लक्ष्य किया है जिसे 28 विभागों और समाजसेवी संगठनों के साथ मिलकर पूरा किया जाएगा। आशा व्यक्त की कि क्लब के साथ पहले की तरह आगे भी अलग अलग अभियान संयुक्त रूप से चलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी वन महोत्सव को धूमधाम से मनाया जाएगा, समाज के हर वर्ग को हर उत्सव पर एक पेड़ लगाने के लिए जागरूक विभाग करेगा। सम्मिट को संबोधित करते हुए उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि यदि आपको सुरक्षित भविष्य चाहिए तो आगे आना होगा और उन्हें प्लास्टिक त्यागने, जल संरक्षण करने का संकल्प दिलाया। और कहा कि जब हम पृथ्वी से इतना कुछ लेते हैं तो हमें उसे देना भी होगा। पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा। प्रथम सत्र के बाद डीएफओ, सहायक जियोफिजिसिस्ट नौरत्न कमल व स्कूल प्रधानाचार्या पूनम सिंह द्वारा क्लब की पिछले 6 वर्षों पर आधारित मैगजीन “प्रकृति शक्ति” लॉन्च की गई। मैगजीन लॉन्च के बाद ‘धरती करे पुकार’ लघु नाटिका प्रस्तुत की गई। जिसमें भगवान शिव की भूमिका में सावन कन्नौजिया व पृथ्वी की भूमिका में अंजली बजाज ने दर्शाया कि कैसे आज पृथ्वी का संतुलन बिगड़ रहा है। पृथ्वी ने भगवान शिव के समक्ष अपनी व्यथा व्यक्त की और भगवान शिव ने धरती के संरक्षण का संदेश दिया। जिसके बाद दूसरा सत्र भूगर्भ जल विभाग मेरठ खंड के सहायक जियोफिजिसिस्ट नौरत्न कमल के साथ हुआ जिसकी मेजबानी क्लब संस्थापक सावन कनौजिया ने ही की और जल संकट पर चर्चा हुई। सावन ने नवरत्न कमल से प्रश्न किया कि मेरठ में 286 गांव में पीने का पानी उपलब्ध नहीं है या फिर वह गंदा है इसके लिए इन गांव में क्या कदम उठाए जा रहे हैं और लगातार गिरते भूगर्भ जल स्तर के लिए विभाग क्या कर रहा है? विभाग के सहायक जियोफिजिसिस्ट नौरत्न कमल ने उत्तर देते हुए बताया कि इन गांवों में हर घर तक जल पहुंचाने का काम शुरू हो चुका है और प्रत्येक घर तक हम जल संरक्षण का संदेश पहुंचा रहे हैं। मेरठ में लगातार गिरते भूगर्भ जलस्तर को लेकर विभाग चिंतित हैं और इस वर्ष अधिकाधिक रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाने का हम लक्ष्य रखते हैं। सम्मिट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज युवाओं को जल संरक्षण के लिए आगे आना होगा क्योंकि भविष्य युवाओं का ही है और अगर अपना भविष्य सुरक्षित करना है और अगर चाहते हैं कि पानी की बूंद के लिए तरसना ना पड़े तो दैनिक गतिविधियों में पानी को बचाना शुरू करना होगा। तीसरा सत्र नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त बृजपाल सिंह के साथ हुआ। सत्र की मेजबानी करते हुए क्लब संस्थापक सावन कन्नौजिया ने पूछा कि मेरठ में लगे जगह-जगह व दिल्ली रोड़ मंगतपुरम में लगे कूड़े के ढेर के निस्तारण के लिए निगम के पास क्या ठोस नीति है और स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रथम आने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं? उत्तर देते हुए सहायक नगर आयुक्त ने बताया कि निगम लगातार मेरठवासियों को गीला कूड़ा अलग सूखा कूड़ा अलग इकट्ठा करने के लिए जागरुक कर रहा है। उन्होंने बताया कि हम अपने घर में ही गीले कूड़े की खाद बना सकते हैं, कहा कि गोमूत्र, मट्ठा, गुड़ आदि से एक डीकंपोजर तैयार किया जा सकता है जिससे घर का गीला कचरा घर में ही खाद बनकर तैयार होगा और पौधों में इस्तेमाल किया जा सकता है। कूड़े के ढेर पर कहा कि बहुत जल्द मंगतपुरम में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाकर इस समस्या को समाप्त किया जाएगा व इसके लिए शासन को डीपीआर भेजा जा चुका है। इस सत्र के बाद ‘मानो तो गंगा मां है’ लघु नाटिका की प्रस्तुति हुई जिसमें गंगा के रूप में रितिका यादव और मनुष्य के रूप में अजय ने दिखाया कि कैसे आज इंसानों के कारण गंगा की अविरल धारा रुक रही है। नाटिका में क्रोधित गंगा मां ने मनुष्यों से कहा कि भागीरथ जी के आह्वान पर क्या मुझे इसलिए धरती पर लाया गया कि मुझ में गंदगी फेंकी जाए, आधे जले शवों को डाला जाए, कपड़े धोएं जाएं, पशुओं को नहलाया जाए और इंडस्ट्री का वेस्ट फेंका जाए? मनुष्य ने आश्वस्त किया कि वे अपने कर्मों में सुधार करेंगे और गंगा के संरक्षण हेतु हर संभव प्रयास करेंगे। चौथा सत्र जिला युवा कल्याण अधिकारी डॉ सलोनी गर्ग के साथ हुआ, मेजबानी करते हुए क्लब संस्थापक सावन कनौजिया ने प्रश्न पूछा कि विभाग के गांव गांव में मंगल दल पर्यावरण संरक्षण के लिए क्या कार्य कर रहे हैं? अधिकारी ने बताया कि वर्षभर सरकार की योजनाओं के अनुरूप मंगल दल पर्यावरण संरक्षण में मुख्य रूप से पौधारोपण और जल संरक्षण हेतु कार्य करते हैं। सावन ने पूछा कि ‘पृथ्वी के कल्याण से ही युवाओं का कल्याण’ होगा इस कथन से आप कितनी सहमत हैं? तो उन्होंने कहा कि यह बात में कोई दो राय नहीं है कि यदि पृथ्वी स्वस्थ होगी तो युवा ही नहीं पूरा समाज ही स्वस्थ होगा, इसलिए आज हमें पृथ्वी के बिगड़ते स्वास्थ्य हेतु ना केवल चिंता करनी होगी बल्कि सकारात्मक कदम भी उठाने होंगे और इसमें देर नहीं करनी चाहिए। इसके बाद स्कूल के छात्र छात्राओं द्वारा ‘प्लास्टिक बहिष्कार’ पर एक नृत्य प्रस्तुति दी गई, जिसमें रीयूज, रिड्यूस और रीसायकल पद्धति को अपनाने का संदेश दिया गया। अंतिम सत्र में नई दिल्ली से पधारे युवा पर्यावरण कार्यकर्ता अभीर भल्ला ने बिगड़ते पर्यावरण संतुलन और प्रकृति चक्र पर मनुष्य पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि आज हम धरती पर अपना अधिकार समझ बैठे हैं, जिस तरह पूर्वजों ने हमें इस सुंदर ग्रह को दिया इसी प्रकार क्या हम आने वाली पीढ़ी को यह सुंदर ग्रह नहीं देना चाहते? सम्मिट को संबोधित करते हुए अभीर भल्ला ने कहा पर्यावरण व धरती के संरक्षण हेतु युवाओं का आगे आना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि युवा समाज का मुख्य स्तंभ होता है और युवा चाहे तो बदलाव बहुत जल्द आ सकता है। अभीर ने कहा कि धरती का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है, इसके लिए शायद हम फिक्र करना भी ठीक नहीं समझते लेकिन यह खतरे की घंटी है। आज धरा के संरक्षण हेतु हर संभव प्रयास करने की हमें आवश्यकता है और अपने साथ-साथ लोगों को भी जागृत करने का कार्य सभी को मिलकर करना होगा। सभी सत्रों के बाद समिट को संबोधित करते हुए क्लब संस्थापक सावन कनौजिया ने कहा कि हम दूसरे ग्रहों पर जीवन तलाश कर रहे हैं लेकिन जिस पृथ्वी ग्रह पर जीवन आज भी संभव है हम इसे बचाने की कोशिश क्यों नहीं करते? लगातार उभरते जल संकट, वैश्विक तापमान में वृद्धि, विकास की आड़ में कटते पेड़, सिंगल यूज प्लास्टिक को ना त्याग पाना, बढ़ता औद्योगिकीकरण इन सब से प्रकृति का हरण हो रहा है और पृथ्वी इसको झेलते झेलते आज थक चुकी है, जिससे पृथ्वी बीमार हो गई है। यदि हम पृथ्वी को अपनी मां कहते हैं तो पृथ्वी मां से संतान होने का दायित्व निभाना होगा, हर वर्ष एक पेड़ लगाकर उसका संरक्षण करना, अपने आसपास पानी को बचाना, स्वच्छता बनाए रखने के लिए खुद के साथ-साथ दूसरों को भी बताना, प्लास्टिक का मोह त्याग कर कपड़े गए जूट के थैले के इस्तेमाल को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना और प्रदूषण के स्तर को घटाने के लिए कार्य करना ही होगा यह आज के समय की और पृथ्वी की मांग है। सावन ने कहा कि जिस प्रकार हम 6 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण हेतु कार्य कर रहे हैं और धरती मां के स्वस्थ जीवन हेतु संकल्प लिए हुए आगे बढ़ रहे हैं हम इन्हें जारी रखेंगे और हमारी युवा टीम समाज को जागरूक यूंहीं निरंतर करती रहेगी। सम्मिट के अंत में स्कूल की उप प्रधानाचार्य मुक्ता चावला ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
सम्मिट में गरिमामई उपस्थिति दर्ज कराने वालों में स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अनिल जैन, सचिव अतुल जैन, जेडी जैन, विनय जैन, स्कूल प्रधानाचार्य पूनम सिंह, एडमिन हेड सचिन जैन, उप प्रधानाचार्य मुक्ता चावला, रेनू शर्मा, जीवन ज्योति, क्लब की ओर से सावन कन्नौजिया, विधि शर्मा, प्रतीक कौशिक, अजय, रितिका, दिव्यांशी पाराशर, अंशिका, गुरलीन, अंजलि, उदय, रचित, जतिन, सागर, हर्ष, पायल शर्मा, उदित, हर्षिता नीरज कुमार, प्रियांशु, आशीष, चिराग, शुभम मौजूद रहे।