मेरठ। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए तमाम पद्धतियों से दवा बनाई जा रही है। इसी बीच एक लॉकेट खासा चर्चाओं में आ गया है। दावा है कि इस लॉकेट के दो मीटर आसपास तक कोरोना वायरस जिंदा नहीं रह सकता। कई वरिष्ठ अधिकारियों के गले में भी एंटी-कोरोना लॉकेट देखा जा रहा है। खैरनगर दवा बाजार में सर्जिकल आयटम बेचने वालों के पास बड़ी संख्या में खरीदार पहुंच रहे हैं। कंपनियों का दावा है कि लॉकेट में क्लोरीन डाई आक्साइड की लेयर है, जो हवा में व्याप्त होकर एक मीटर दूर तक वायरस को नष्ट कर देती है। स्थानीय प्रशासन और ड्रग विभाग को भी डिवायसों की गुणवत्ता की जानकारी नहीं है।
कोरोना संक्रमण दुनियाभर में फैलने के बाद सबसे पहले जापान ने ऐसे लॉकेट बनाए। हालांकि ये लाकेट वायरस को कैसे रोकेगा, इसको लेकर कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। सांसद राजेंद्र अग्रवाल के गले में भी यह लॉकेट देखा गया। हालांकि उन्होंने इसे दो दिन बाद उतार दिया। मेरठ के दवा बाजार में चीन में बने ऐसे लॉकेट बेचे जा रहे हैं, जिसे पहनने से दो माह तक वायरस के संक्रमण से बचने का दावा है। खैरनगर के सर्जिकल आयटम विक्रेता मनोज शर्मा ने बताया कि खरीदार बढ़ रहे हैं। शहर के चिकित्सकों का कहना है कि वायरस नाक और खांस के जरिए शरीर में प्रवेश करता है, जिसकी साइज 30 माइक्रान से भी छोटी है। कोई लॉकेट इसे नहीं रोक सकता। मास्क पहनना ही होगा।
विशेषज्ञों ने बताया कि इन लॉकेटों में क्लोरीन डाईआक्साइड का प्रयोग होता है, जो बैक्टीरियानाशक है। इससे पानी साफ किया जा सकता है। वहीं, इससे अल्ट्रावायलेट किरणों के निकलने की भी बात कही जा रही है। कई डिवायस ऐसे उपलब्ध हैं, जो कोई वस्तु या व्यक्ति के पास आने पर अलर्ट करते हैं। आइएमए अध्यक्ष डा. एनके शर्मा का कहना है कि कार्ड में क्लोरीन डाई आक्साइड का पावडर है, जो सिर्फ बैक्टीरियानाशक है। जरूरी नहीं कि इससे वायरस भी नष्ट होगा। इस रसायन से त्वचा में खुजली, कफिंग एवं स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।