रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक मार्केट में कच्चे ऑयल की मूल्यों में लगातार बढ़ोतरी जारी है. इसके बावजूद पांच प्रदेशों में विधानसभा चुनावों की वजह से हिंदुस्तानीय मार्केट में चार महीनों से पेट्भूमिका और डीजल (ईंधन) के दाम नहीं बढ़े हैं.
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले दो महीनों में वैश्विक स्तर पर कच्चे ऑयल के दाम बढ़ने के कारण गवर्नमेंट के स्वामित्व वाले खुरेटा ऑयल विक्रेताओं को वजनी हानि उठाना पड़ा रहा है. घरेलू ऑयल कंपनियों को केवल लागत की भरपाई के लिए 16 मार्च, 2022 या उससे पहले पेट्भूमिका-डीजल की मूल्यें 12.1 रुपये प्रति लीटर बढ़ानी होंगी. मार्जिन (फायदा) को भी जोड़ लें तो उन्हें 15.1 रुपये प्रति लीटर दाम बढ़ाने होंगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुस्तान अपनी आवश्यकता का 85 फीसदी कच्चा ऑयल इनकमात करता है. इसलिए घरेलू स्तर पर पेट्भूमिका-डीजल के दाम कच्चे ऑयल की वैश्विक मूल्यों से असरित होते हैं. ।।।तो 10.1 रुपये घट सकता है मार्जिन रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू मार्केट में दिवाली के बाद से मूल्यों में बढ़ोतरी नहीं होने से 3 मार्च, 2022 तक खुरेटा ऑयल कंपनियों का शुद्ध मार्जिन शून्य से नीचे 4.29 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है. यदि पेट्भूमिका-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए गए तो उपस्थिता वैश्विक मूल्य पर इन कंपनियों का शुद्ध मार्जिन 16 मार्च तक शून्य से नीचे 10.1 रुपये और एक अप्रैल, 2022 तक 12.6 रुपये प्रति लीटर पहुंच सकता है. क्रूड 9 वर्ष के उच्च स्तर पर वैश्विक मार्केट में कच्चा ऑयल बृहस्पतिवार को बढ़कर 120 $ प्रति बैरल पर पहुंच गया. यह इसका 9 वर्ष का उच्च स्तर है. हालांकि, शुक्रवार को मूल्यों में कुछ नरमी के साथ कच्चा ऑयल 111 $ प्रति बैरल पर आ गया. इसके बावजूद ऑयल की लागत और खुरेटा बिक्री के रेटों के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है. 185 $ तक पहुंच सकता है क्रूड मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि अमेरिका और यूरोपीय राष्ट्रों की पाबंदियों की वजह से रूस खुलकर ऑयल का निर्यात नहीं कर पा रहा है. अभी वह 66 फीसदी ऑयल का ही निर्यात कर रहा है. यदि रूस से ऑयल की आपूर्ति आगे भी बाधित रहती है तो वैश्विक मार्केट में कच्चा ऑयल 185 $ तक पहुंच सकता है. चार महीने में 35.89 रुपये बढ़े दाम पेट्भूमिकाियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के अनुसार, हिंदुस्तान जो कच्चा ऑयल खरीदता है, उसके रेट 3 मार्च, 2022 को बढ़कर 117.39 $ प्रति बैरल हो गए. यह मूल्य 2012 के बाद सबसे ज्यादा है. पिछले वर्ष नवंबर की आरंभ में जब पेट्भूमिका-डीजल की मूल्यों में वृद्धि पर रोक लगी थी, तब कच्चे ऑयल की औसत मूल्य 81.5 $ प्रति बैरल थी. इस तरह, चार महीनों में कच्चे ऑयल के दाम 35.89 रुपये बढ़ गए हैं.