दिल्ली। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने के काम में तेजी के लिए सरकार ने ऑपरेशन गंगा में वायु सेना के परिवहन विमानों को शामिल करने का निर्देश दिया है। उच्च पदस्थ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वायुसेना के विमानों का इस्तेमाल यूक्रेन में मानवीय सहायता सामग्री ले जाने के लिए भी किया जाएगा। ये विमान भारत से राहत सामग्री लेकर जाएंगे और लौटते समय वहां से भारतीय छात्रों को वापस लेकर आएंगे।
कल से ही होगा सी 17 विमानों का इस्तेमाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह निर्णय लिया है कि छात्रों को वापस लाने के काम में तेजी लाने के लिए वायु सेना का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसके लिए वायु सेना के विमानों का ऑपरेशन गंगा में इस्तेमाल किया जाएगा। वायु सेना इसके लिए अपने विशाल मालवाहक विमानों सी-17 का मंगलवार से ही इस्तेमाल करेगी। इन विमानों को ऑपरेशन करना में शामिल करने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इनमें एक साथ बड़ी संख्या में छात्रों को वापस लाया जा सकता है। इसे यह कार्य कम समय में पूरा हो जाएगा। सरकार ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय में अपने चार मंत्रियों को यूक्रेन से लगते पड़ोसी देशों में भेजने का निर्णय लिया था। इसका उद्देश्य सड़क मार्ग से यूक्रेन से पड़ोसी देशों में पहुंचने वाले छात्रों को आसान और सुरक्षित तरीके से स्वदेश लाना है।

सी 17 विमान क्यों खास है
बोइंग सी-17 ग्लोबमास्टर यह विश्व के बड़े मालवाहक जहाजों में से एक है। ग्लोबमास्टर कारगिल, लद्दाख और अन्य उत्तरी और उत्तर पूर्वी सीमाओं जैसे कठिन जगहोंपर पर आसानी से उतर सकता है। इसके अलावा लैंडिंग में परेशानी होने की स्थिति में इसमें रिवर्स गियर भी दिया गया है। विमान चार इंजनों से लैस है। 81वीं स्क्वार्डन के ग्रुप कैप्टन को ‘गोल्डन की’ देकर विमान को भारतीय वायुसेना में शामिल किया। इस स्क्वार्डन को स्काईलॉर्ड्स नाम दिया गया है।
लंबाई – 174 फीट, चौड़ाई- 170 फीट, ऊंचाई- 55 फीट, 3500 फीट लंबी हवाई पट्टी पर उतरने की क्षमता, 1500 फीट पर आपातकाल में उतारने में सक्षम, 70 टन वजन ले जाने में सक्षम, 42 हजार किमी तक की उड़ान भर सकता है एक बार में, 150 से अधिक जवानों को एक साथ ले जाने में सक्षम, 03 हेलीकॉप्टरों या दो ट्रकों को एयरलिफ्ट करने की ताकत