हिंदू पंचांग के मुताबिक फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस बार महाशिवरात्रि 1 मार्च 2022 (मंगलवार) को मनाई जाएगी. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का शादी हुआ था. मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान शिव की उपासना करने से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है. यह दिन शिव भक्तों के लिए बहुत ख़ास होता है. मान्यता के मुताबिक इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से व्रत-पूजन करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं.
महाशिवरात्रि 2022 शुभ मुहूर्त
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ – 01 मार्च 2022 को प्रातः काल 03 बजाकर 16 मिनट से
चतुर्दशी तिथि का समाप्ति : 02 मार्च 2022 को प्रातः काल 01 बजे
रात्रि प्रहर पूजा : शाम 06:21 से रात्रि 09:27 बजे तक
महाशिवरात्रि का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक महाशिवरात्रि को माता पार्वती और भगवान शिव का शादी हुआ था. ऐसा बताया जाता है कि शिव-पार्वती के मिलन के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले इस पर्व पर विधि-विधान से पूजा और व्रत करने से वैवाहिक जीवन की सभी परेशानीओं का निदान होता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक महाशिवरात्रि का व्रत रखने से कुंवारी कन्या को मनचाहे वर की भी प्राप्ति होती है. ऐसा बताया जाता है कि यदि किसी कन्या के शादी में बाधा आ रही हो तो महाशिवरात्रि का व्रत करने से जल्द शादी होता है. इस व्रत को करने से मनुष्य के सभी पाप खत्म होते हैं.
महाशिवरात्रि पूजन विधि
महाशिवरात्रि के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ कपड़ा धारण करें और भगवान शिव का ध्यान करके व्रत का संकल्प करें.
इस दिन शिवलिंग का पवित्र जल या दूध से अभिषेक अवश्य करें.
भगवान शिव का चंदन से तिलक करें. इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, आक के फूल, धतूरे के फूल, धतूरा, मांग आदि वस्तुें अर्पित करें.
इसके बाद भगवान शिव की आरती करें.
पूजा के बाद शिवपुराण, महामृत्युंजय मंत्र या शिव जी के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें.
महाशिवरात्रि को रात्रि जागरण का विशेष महत्व है.
पूजा के बाद पारण मुहूर्त में महाशिवरात्रि के व्रत का पारण करें.