पश्चिम बंगाल की ममता गवर्नमेंट और गवर्नर जगदीप धनखड़ के बीच चल रहे विवाद के बीच गवर्नर ने सात मार्च 2022 को रात दो बजे बंगाल विधानसभा की मीटिंग बुलाई है. गवर्नर ने इस विषय में ट्विटर हैंडल से लिखा है कि संविधान के अनुच्छेद 174(1) को लागू करते हुए कैबिनेट के फैसला को स्वीकार किया गया है. इसके मद्देनजर विधानसभा की मीटिंग 7 मार्च, 2022 को देर रात दो बजे बुलाया गया है. उन्होंने आगे लिखा कि आधी रात के बाद दो बजे विधानसभा की मीटिंग असामान्य है और यह अपने आप में ऐतिहासिक है, लेकिन यह कैबिनेट का फैसला है.
वहीं, जब बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी से गवर्नर द्वारा दो बजे विधानसभा की मीटिंग बुलाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि टाइपिंग में कोई गलती हुई होगी, जिसे ठीक किया जा सकता था. प्रदेश गवर्नमेंट ने जब सूचना भेजी थी, उस समय दोपहर 2 बजे का उल्आर्टिक्ल किया गया था. उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी और गवर्नर जगदीप धनखड़ के बीच लगातार टकराव चल रहा है. बताया जा रहा है कि धनखड़ ने 19 फरवरी को प्रदेश विधानसभा सत्र का इनकमोजन सात मार्च से करने के मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को लौटा दिया था. गवर्नर ने कहा कि प्रस्ताव में संवैधानिक नियमों का पालन नहीं किया गया था. उन्होंने इस बात की जानकारी ट्विटर पर साझा भी की थी. गवर्नर ने कहा था कि विधानसभा सत्र सात मार्च से कराने की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सिफारिश को संवैधानिक अनुपालन के लिए वापस करना पड़ा. गवर्नमेंट विधानसभा सत्र का आह्वान कैबिनेट की ओर से बनाए गए प्रस्ताव पर करती है जो संविधान की धारा 166(3) के अनुसार नियमों पर आधारित होता है. धनखड़ ने उस पत्र की प्रति भी अपने ट्वीट में संलग्न की थी, जो उन्होंने प्रस्ताव को वापस भेजते हुए गवर्नमेंट को लिखा है. गवर्नर ने कहा था कि संवैधानिक अनुपालन के लिए प्रस्ताव की फाइल को वापस भेजना एकमात्र विकल्प था. मामले में निराशा जाहीर करते हुए टीएमसी के प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रॉय ने गवर्नर पर प्रशासनिक कार्य में बाधा पहुंचाने का इल्जाम लगाया था.