ऑक्सफोर्ड एक नए शोध ने वजन घटाने और कैंसर के जोखिम के बीच के लिंक पर कुछ अंतर्दृष्टि डाल दी है. मोटापे से ग्रस्त और अधिक वजन वाले वयस्कजो वजन कम करते हैं, उनमें कोलोरेक्टल एडेनोमा, बृहदान्त्र या मलाशय में एक सौम्य विकास या पॉलीप होने का कम जोखिम हो सकता है जो कोलोरेक्टल कैंसर के लिए विकसित हो सकता है, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा जेएनसीआई कैंसर स्पेक्ट्रम में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक.
कोलोरेक्टल कैंसर संयुक्त प्रदेश अमेरिका में पुरुषों और स्त्रीओं में तीसरा सबसे अधिक बार होने वाला कैंसर है, और कैंसर की मृत्यु का तीसरा सबसे बड़ा कारण है.
पिछले 30 सालों में संयुक्त प्रदेश अमेरिका और पूरे विश्व में मोटापा बढ़ गया है, जिससे कई पुरानी बीमारियों के विकास में वृद्धि हुई है. मोटापे को लंबे समय से कोलोरेक्टल एडेनोमा और कैंसर के लिए एक जोखिम कारक के रूप में पहचाना गया है.
अधिक वजन वाले और मोटापे से ग्रस्त रोगियों को अक्सर चिकित्सकों द्वारा वजन कम करने की राय दी जाती है. हालांकि वजन घटाने को कुछ सेहत फायदाों के लिए जाना जाता है, लेकिन यह प्रश्न कि क्या यह कोलोरेक्टल एडेनोमा के जोखिम को कम कर सकता है, अनुत्तरित रहा है. अधिकतर शोधों ने सिर्फ समय में एक ही क्षण में मापा गया मोटापे या बीएमआई के विषय में कोलोरेक्टल एडेनोमा जोखिम को देखा है, जिसमें वजन बदलाव के असर को देखते हुए कम शोध किए गए हैं.
प्रोस्टेट, फेफड़े, कोलोरेक्टल और डिम्बग्रंथि के कैंसर स्क्रीनिंग परीक्षण ने वयस्कता की तीन अवधियों के दौरान वजन में परिवर्तन (वजन बढ़ाने और वजन घटाने दोनों सहित) की जाँच करने के लिए स्व-रिपोर्ट किए गए वजन डेटा का उपयोग किया