बिनौली: जिवाना गुलियान के नीलकंठ आश्रम में चल रहे पांच दिवसीय यजुर्वेद पारायण महायज्ञ के दूसरे दिन बुधवार को उपदेश देते हुए सिद्धगुरु महाराज ने कहा सद्गुरु कृपा से आत्मकल्याण होता है।
नीलकंठ आश्रम पीठाधीश सिद्धगुरु महाराज ने श्रद्धालुओं को उपदेश देते हुए कहा कि मनुष्य को जीवन मे पाप कर्म से बचना चाहिए तथा अधिक से अधिक श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए। जो भक्तजन यज्ञ में आहुति प्रदान कर रहे हैं वो बड़े सौभाग्यशाली हैं। उन्होंने कहा गुरु सेवा बड़े पुण्य कर्मों से मिलती है। ऐसे ही यज्ञ कर्म भी बहुत शुभ कर्मों के उपरांत करने को मिल पाता है। उन्होंने कहा कि सद्गुरु कृपा से ही भक्त का आत्मकल्याण होता है। आचार्य चंद्रमणि याग्निक ने कहा कि धर्म मनुष्य को जोड़ता है। वेद धर्म का मूल है। संसार मे अनेक पंथ मजहब हैं जो सब समाज को तोड़ने का काम करते हैं। वेद किसी धर्म जाति का नही वरन प्राणिमात्र का है। लाक्षागृह गुरुकुल बरनावा के आचार्य अमित शास्त्री ने सस्वर वेदपाठ के साथ ईश भक्ति से ओतप्रोत सुमधुर भजन प्रस्तुत किये।
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