मेरठ-शहीद मंगल पांडे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय मेंरठ के इतिहास विभाग के तत्वावधान में चल रही तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार के तीसरे दिन समापन समारोह में सर्व प्रथम डॉक्टर राधा रानी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया कार्यक्रम की समन्वयक इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर अनीता गोस्वामी ने सभी उपस्थित अतिथियों मुख्य वक्ता तथा सहभागिता करने वाले सभी का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया तत्पश्चात् अपने अध्यक्षीय संबोधन में बोलते हुए यशस्वी प्राचार्य प्रोफ़ेसर डॉक्टर अंजू सिंह ने सभी विषय विशेषज्ञों का हार्दिक आभार प्रस्तुत किया कि उन्होंने अपने गरिमामय उपस्थिति से तथा प्रभाव पूर्ण उद्बोधन से इस वर्चुअल वेबीनार की शोभा बढ़ायी है उन्होंने कहा कि यह बेबीनार अपने अकादमिक संकल्पना के उच्चतम शिखर को प्राप्त करने में सफल रही प्रोफ़ेसर वासिलियाडीस जी का प्रस्तुतीकरण अपने आप में योगदान और भारत के संबंधों को दर्शाने में एक रीढ की भाँति रहा ऐसे उच्च स्तरीय धरातल को खोजने वाले प्रस्तुतिकरण प्राप्त करना अत्यंत दुर्लभ हैं उन्होंने प्रोफ़ेसर ज्ञान लूईगी सेगालेरबा जो की ऑस्ट्रिया वियना से जुड़े थे के विषय में कहाकि उनका गहन अध्ययन जोकि उपनिषदों विशेषतह: कठोपनिषद तथा प्लेटों के साथ समन्वय को दर्शाने वाला था उनके उच्च अकादमिक कौशल का एक जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है और तत्पश्चात मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रोफ़ेसर ज्ञान लूईगी सेगालरबा ऑस्ट्रेलिया विएना ने अपने प्रस्तुतिकरण में एक बार पुनः परमेंडीस और भारतीयों के भगवत गीता उपनिषद् आदि पर सामंजस्य दर्शाते हुए अपना पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया उनके उत्साह जनक उपस्थिति इस वेबिनार के गौरव को बढ़ाने में सहायक रही थी तत्पश्चात डॉक्टर अनिल कुमार जो वर्तमान में ग्रीक चेयर जवाहर-लाल नेहरू विश्वविद्यालय पर सुशोभित हैं
ने अपने वक्तव्य में भारतीय यूनानी नाटक व राजनीति पर अपना सार गर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया उनके द्वारा प्रस्तुत समन्वय कारी विचार अनुपम रहे तत्पश्चात डॉक्टर रेनू शुक्ला प्रोफ़ेसर कन्या गुरुकुल महाविद्यालय देहरादून ने अपने विद्वत पूर्ण वक्तव्य के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किए और बताया कि किस प्रकार भारत बौद्ध धर्म के विचारों तथा युन्नान के दार्शनिक विचारों में सामंजस्य रखता है और दोनों ही एक दूसरे को सुंदरता प्रदान करते हैं उन्होंने मिलिंद पन्नगों में प्रस्तुत साधु नाग सेन और राजा मिलिंद के संवाद पर भी प्रकाश डाला उनके विचार ज्ञान के दृष्टिकोण से सर्वोत्कृष्ट रहे तत्पश्चात सैमीनार की संपूर्ण रिपोर्ट डॉक्टर अनीता गोस्वामी ने प्रस्तुत की । वे बिना के विषय में डॉक्टर मनीषा त्यागी डॉक्टर तपिश चंद्र तथा डॉक्टर मुकेश ने अपने ओजस्विता पूर्ण वक्तव्य से इसको अत्यंत उपयोगी तथा अपनाने योग्य बताया । कार्यक्रम के अंत में प्रोफ़ेसर दिमित्री उस वासिलियाडीस ने अपने विचार रखे और भारत से शोधार्थी विद्यार्थियों को न सिर्फ़ आमंत्रित किया अपितु उनके शोध पत्रों को प्रकाशित करने का भी आमंत्रण दिया अंत में समन्वयक डॉक्टर अनीता गोस्वामी ने समस्त महाविद्यालय परिवार अतिथियों शोधार्थियों सहभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया कार्यक्रम के सफल संचालन में डॉक्टर अनिल कुमार सिंह डॉक्टर राजकुमार डॉक्टर गीता चौधरी डॉक्टर ऊषा सानी डॉक्टर सुंदरता क़दम न डॉक्टर पारुल मलिकडॉक्टर भारती शर्मा है तथा समस्त आयोजक मंडल का विशेष योगदान रहा