मेरठ – जिलाधिकारी के0 बालाजी ने बताया कि नीति आयोग, भारत सरकार के सदस्य की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा की गयी संस्तुतियों के क्रम में निजी चिकित्सालयों द्वारा कोविड-19 से संक्रमित मरीजो के उपचार हेतु शासन द्वारा दरें निर्धारित की गयी है। उन्होने बताया कि सुपर स्पेशिलिटी की सुविधा वाले अस्पतालो को कोविड-19 अस्पताल के रूप में परिवर्तित करने पर मरीजो से निजी चिकित्सालयों द्वारा कोविड-19 से संक्रमित मरीजो के उपचार हेतु आईसोलेशन बेड (आक्सीजन एवं सहयोगी सुविधाओ के साथ) हेतु प्रतिदिन की दर एनएबीएच एक्रीडेटेड चिकित्सालय के लिए रू0 10 हजार तथा नाॅन-एक्रीडेटेड चिकित्सालयों के लिए रू0 08 हजार की दर निर्धारित की गयी है। जिसमें कम गंभीर रोगियो हेतु आक्सीजन एवं अन्य आवश्यक सहयोगी उपचार सम्मिलित है।
उन्होने बताया कि आईसीयू बेड (बिना वेन्टीलेटर) हेतु प्रतिदिन की दर एनएबीएच एक्रीडेटेड चिकित्सालय के लिए रू0 15 हजार तथा नाॅन-एक्रीडेटेड चिकित्सालयों के लिए रू0 13 हजार की दर निर्धारित की गयी है। इस श्रेणी में हाइपरटेंशन एवं अनियंत्रित डायबटीज से पीडित को-माॅर्बिडिटीज रोगी सम्मिलित है। उन्होने बताया कि आईसीयू बेड (वेन्टीलेटर सहित) हेतु प्रतिदिन की दर एनएबीएच एक्रीडेटेड चिकित्सालय के लिए रू0 18 हजार तथा नाॅन-एक्रीडेटेड चिकित्सालयों के लिए रू0 15 हजार की दर निर्धारित की गयी है। इस श्रेणी में इनवैसिव मैकेनिकल वेन्टीलेशन तथा नाॅन-इनवैसिव मैकेनिकल वेन्टीलेशन जैसे एचएफएनसी एवं बाई लेवल पीएपी की आवश्यकता वाले रोगियो का उपचार सम्मिलित है। उन्होने बताया कि को-माॅर्बिड रोगियो का उपचार तथा अल्प अवधि की हीमो डायलिसिस की सुविधा भी पैकेज में सम्मिलित है। उन्होने बताया कि उक्त दर निर्धारण पीडियाट्रिक के ऊपर लागू है।
उन्होने बताया कि अपर मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन चिकित्सा के कार्यालय पत्र द्वारा यह आदेष एपीडेमिक डिजीज एक्ट 1897 (यथा संषोधित) एवं उ0प्र0 लोक स्वास्थ्य एवं महामारी अधिनियम-2020 के संगत प्राविधानों के अंतर्गत जारी किया गया है। उक्त आदेषो का उल्लंघन एपीडेमिक डिजीज एक्ट 1897 (यथा संषोधित) एवं उ0प्र0 लोक स्वास्थ्य एवं महामारी अधिनियम-2020 की संगत धाराओ के अंतर्गत दण्डनीय है।