सारे विश्व के मित्र बन जाओ – स्वामी अभ्यानंद सरस्वती
मेरठ, राधा गोविंद मंडप गढ़ रोड में भव्य श्री राम कथा के तीसरे दिन पर आज मंगलवार दिनांक 28 दिसंबर को हरिद्वार से पधारे कथा व्यास अनन्त श्री विभूषित महामंडलेश्वर परम पूज्य स्वामी अभयानंद सरस्वती जी महाराज ने श्रोताओं का मार्गदर्शन करते हुए बताया कि शिष्य के अन्दर तीन मुख्य योग्यताओं का होना परम आवश्यक है ,- कि हम अज्ञानी हैं, सद्गुरु ज्ञानी और सर्वज्ञ है, भीतर हमारे सत्य को जानने की जिज्ञासा। उसी जिज्ञासा और विश्वास को श्रद्धा से जब परिपूर्णता प्राप्त होती है तो वही पर परमेश्वर सगुण रूप से प्रकट होते हैं और अनेक – अनेक लीलाएं करते हैं। परमात्मा अपने प्रति अपराध को क्षमा कर देते हैं ,
परन्त उनके भक्त के प्रति अगर कोई अपराध करे तो उसको वह असमय प्रतिपादि करते हैं और इस प्रकार “धर्म सस्थापनाथार्य संभावमी युगे यूगे” किसी का चित्त इतना शुद्ध है कि वह अपने प्रति प्रत्येक प्रकार के अपराध को क्षमा कर दे तो उसी का नाम होता है विश्वामित्र ओर ऐसे ही व्यक्ति ज्ञान और वैराग्य को राम और लक्ष्मण के रूप में प्राप्त करता है।
यजमान मनोज कुमार गुप्ता एवं बबीता अग्रवाल द्वारा पूज्य गुरुदेव का तिलक एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया। अंत में आरती और प्रसाद के साथ कथा संपन्न हुई। इस अवसर पर श्री मति मीना अग्रवाल , मनोज कुमार गुप्ता, बबीता गुप्ता, गोविंद अग्रवाल, वृंदा अग्रवाल, आर के प्रसाद, देवेन्द्म प्रकाश, घनश्याम सिंह, राजीव संगारी, मीडिया प्रभारी मयंक अग्रवाल आदि लोग उपस्थित रहे।