दिल्ली-च्चाई को समाज तक पहुंचाने का उद्देश्य लिए पत्रकार फील्ड में उतरता है जो उसका कर्तव्य है फिर आक्रोशित लोग उसे क्यों निशाना बनाते है।समाज तक सच्चाई लाना एक पत्रकार का काम होता है और वह उसे बखूबी अंजाम भी देता है। ऐसे मे पत्रकार को क्यों निशाना बनाया जाता है ।लखीमपुर मे सच्चाई को जनता तक पहुंचाने के उद्देश्य से ही पत्रकार समाचार को कवरेज करने वहां पहुंचे थे लेकिन आक्रोशित लोंगो ने कई पत्रकारों को अपना निशाना बनाया जिसमे एक टीवी पत्रकार रमन कश्यप की मौत हो गई जबकि कई पत्रकार चोटिल हुए जिसमे अमर उजाला के पत्रकार केके मौर्य एक अन्य पत्रकार सुरजीत सिंह चन्नी जिनको पिटाई के कारण गंभीर चोटें आई हैं और वह लोग अभी भी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। इस घटना की पत्रकार संघटनों ने निंदा की है।इस घटना का स्वतः संज्ञान लेकर मामले की रिपोर्ट प्रेस काउंसिल ऑफ इंड़िया ने उत्तर प्रदेश सरकार से प्रमुख सचिव व डीजीपी के माध्यम से तलब कर ली है।
मृतक पत्रकार को श्रध्दांजलि देते हुए पत्रकारों की संस्था जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया (रजि.) के अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि जल्द से आरोपियों को गिरफ्तार कर सरकार पत्रकारों को न्याय दे साथ ही अब देश मे पत्रकार सुरक्षा कानून को अविलंब लागू करे। एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आवश्यक है कि पत्रकार निष्पक्ष और निर्भीक होकर अपने कार्य को अंजाम दे।
पत्रकार संगठन काफी लंबे समय से देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग करते आ रहे है अब तक तमाम देश मे ऐसी घटनाएं हो चुकी है कि सच्चाई को उजागर करने पर पत्रकारों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।लेकिन सरकार पत्रकारों को लेकर गंभीर दिखाई नहीं दे रही।जो चिंतनीय है।
संस्था के अध्यक्ष ने एक बार पुन: सभी पत्रकार साथियों से अनुरोध किया कि यदि किसी भी पीड़ित पत्रकार साथी की समस्या उनके संज्ञान में आये तो वह उसे अपने समाचार पत्र पोर्टल व चैनल के माध्यम से उठाने मे संकोच न करे।पीडित पत्रकार की समस्या प्रकाशित होते ही उच्च अधिकारियों के संज्ञान में वह स्वत: आ जायेगी और उसका निराकरण हो जायेगा।