मेरठ। पिछले सप्ताह से तेज बुखार, उल्टी-दस्त, कमजोरी से पीड़ित मरीजों की संख्या अस्पतालों में और चिकित्सकों यहां तेजी से बढ़ रही है। स्थिति यह है कि ओपीडी में आने वाला हर तीसरा व्यक्ति वायरल की चपेट में है। ऐसे कई मामले भी सामने आ चुके हैं। जिसमें पूरा परिवार वायरल की चपेट में है। डॉक्टरों का कहना है कि बारिश के मौसम में इन बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों को खास ख्याल रखना चाहिए। इस समय सबसे जरूरी है कि खानपान पर ध्यान दिया जाए। अगर बुखार महसूस हो रहा है तो तुरंत चिकित्सकों की सलाह लेनी चाहिए। अपने आप से दवाई लेना भी हानिकारक हो सकता है।
मेडिकल कालेज के वरिष्ठ चिकित्सक डा0 तुंगवीर सिंह आर्य का कहना है कि पिछले सप्ताह से ओपीडी में आने वाले अधिकतर मरीज वायरल से पीड़ित मिल रहे हैं। वहीं, कई लोगों में टायफाइड भी मिला है। डॉक्टर ने कहा कि इस मौसम में खांसी, बुखार, जुकाम, वायरल जैसी बीमारियां बढ़ जाती है। हर साल ऐसे मामले अस्पताल में आते ही हैं। इस साल मरीजों की बढ़ती संख्या पर उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद अधिकतर लोग स्वास्थ्य को लेकर सतर्क हो गए हैं। अब किसी व्यक्ति को बुखार भी आता है तो वह सभी जांच कराता है। ज्यादा जांच होने से ही अधिक मामलों का पता चल रहा है।
वायरल फीवर और कोरोना के लक्षण :-
मौसम में बदलाव के कारण हमारे शरीर में वायरल फीवर (बुखार) के लक्षण दिखने लगते हैं। थकान, खांसी, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, सिर दर्द और ठंड लगने जैसे लक्षणों से वायरल फीवर को पहचाना जा सकता है। ये वायरल समस्याएं भी वायरस की वजह से ही होती हैं, लेकिन कोरोना के कुछ और भी सामान्य लक्षण हैं, जिससे उनकी पहचान की जा सकती है।
कोरोना के लक्षण :-
बुखार, सर्दी-खांसी, गले में खराश, थकान और ठंड लगने लक्षण कोरोना के भी हो सकते हैं, लेकिन इसके और भी कई सामान्य लक्षण हैं, जिसमें सूखी खांसी, स्वाद और गंध महसूस न होना, त्वचा पर चकते होना, डायरिया आदि शामिल हैं। इन लक्षणों से कोरोना की पहचान की जा सकती है।