मेरठ- सिवाया टोल धरने मे किसान आंदोलन को समर्थन देने पहुँचे दिल्ली से रिटायर्ड कर्नल नरेन्द्र कौशिक ।
रिटायर्ड कर्नल नरेन्द्र कौशिक ने अपने संबोधन मे कहा की हमारे जीवनकाल में ऐसा पहली बार देखने को मिला है जब देश का अन्नदाता अपने ही देश में अपने वोटो से तैयार की गयी सरकार की तानाशाही का शिकार होकर लगातार 9 महीने से अपने अस्तित्व को बचाने के लिए आंदोलनरत है, और मौजुदा सरकार देश की सबसे बड़ी आबादी, देश की रीढ़ कहे जाने वाले भारतीय किसानो को भी नजरअंदाज कर रही है । इससे स्पष्ट प्रतीत होता है की मोदी सरकार कार्पोरेट आकाओ की कठपुतली की भूमिका मे कार्यरत है जो लोकतंत्र के लिए विकट संकटकाल की अघोषित परिस्थितियो को उजागर करता है ।
रिटायर्ड कर्नल नरेन्द्र कौशिक ने कहा की किसानो के लगातार आंदोलन से देश का हर सैनिक दुखीः है और कई सैनिको ने आंदोलनरत अपने पिताओ को भी खो दिया है, अपनी जिम्मेदारी से बंधे किसानो के पुत्र सेना मे अपने कर्तव्य का निर्वहन दुखीः मन से कर रहे है और उनके परिजन देश के अन्दर सरकारी दमनकारी कानूनो के लिए आंदोलन कर रहे है ।
रिटायर्ड कर्नल नरेन्द्र कौशिक ने देश से अपील कि की अब हमे अपने खुबसूरत हिन्दुस्तान को तानाशाही के चंगुल से निकालना होगा इसके लिए हमे केवल केवल एक ही मौका मिलेगा वो है चुनाव, अब एकजुटता से 2022 में उत्तर प्रदेश से 2024 में दिल्ली से भाजपा को वोटविहीन किया जाना देश की पहली प्राथमिकता रहेगी ।
रिटायर्ड कर्नल नरेन्द्र कौशिक ने बताया कि 5 सितम्बर को मुजफ्फरनगर मे आयोजित होने वाली महापंचायत का प्रचार पुरे देश मे हो रहा है कृषि कानूनो के वापसी की मुहिम आगामी रणनीति के तहत यह महापंचायत महत्वपूर्ण रहेगी जिसमे देश भर का किसान हिस्सा लेगा और आंदोलन काल मे आयोजित ये महापंचायत एतिहासिक सिद्ध होगी ।
आज सिवाया टोल के धरने में मुख्य रूप से विनीत सांगवान, सतवीर जंगेठी, हरेन्द्र बना, शोसिन प्रधान, जवाहर सिंह, जगबीर दबथुआ, हरेन्द्र जानी, प्रमोद मास्टर, विनेश प्रधान, जगसोरंन, अमित चिन्दौडी, हरबीर जंगेठी, देवेन्द्र पवरसा, सतीश काम्बोज, मिन्टू दौराला, सुभाष मलिक, विपीन सिकरवार, नरेश सोनकर, सुशील कुमार पटेल, सुभाष मलिक, अशोक प्रधान सुरानी, लव भराला, निशांत इकलौता, विक्की अरनावली, बबलू अरनावली, आदि मौजूद रहे ।