दिल्ली- देश मे कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिये सरकार जल्द ही देश में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन अगले महीने उपलब्ध हो सकती है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (आइसीएमआर-एनआइवी) की निदेशक डा प्रिया अब्राहम ने बताया कि बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन इस साल सितंबर या अक्टूबर में उपयोग के लिए उपलब्ध हो सकती है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक ओटीटी चैनल के साथ एक इंटरव्यू में अब्राहम ने बताया कि फिलहाल 2-18 साल के बच्चों के लिए कोवैक्सिन के चरण 2 और 3 के परीक्षण चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही परिणाम सामने आ जाएंगे इसलिए, सितंबर या उसके ठीक बाद हमारे पास बच्चों के लिए COVID-19 के टीके उपलब्ध होंगे।
उन्होंने बताया कि कोवैक्सिन के अलावा, जायडस कैडिला के बच्चों के लिए टीके का परीक्षण भी चल रहा है। अब्राहम ने कहा, ‘जायडस कैडिला का टीका उपयोग के लिए उपलब्ध पहला डीएनए आधारित टीका होगा। इसके अलावा, जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड की एम-आरएनए, बायोलाजिकल-ई वैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट की नोवावैक्स और भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन भी तैयार हो रही है।
डेल्टा प्लस वैरिएंट पर कोरोना वैक्सीन कितनी प्रभावी है, इस बारे में बात करते हुए, डा अब्राहम ने कहा, ‘डेल्टा वैरिएंट की तुलना में डेल्टा प्लस के फैलने की संभावना कम है। डेल्टा वैरिएंट 130 से ज्यादा देशों में मौजूद है। NIV में हमने वैक्सीनेटेड लोगों में बनी एंटीबाडी पर अध्ययन किया और इस वैरिएंट के खिलाफ जांच की। स्टडी में पता चला है कि डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ एंटीबाडी की प्रभावकारिता दो-तीन गुना कम हो जाती है। फिर भी टीके वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षात्मक हैं।’