मेरठ-उपाध्यक्ष उ0प्र0 बीज विकास निगम राजेश्वर सिंह द्वारा आज परियोजना कार्यालय, मेरठ एवं बीज विधायन संयंत्र, मेरठ का निरीक्षण किया गया। उपाध्यक्ष ने बताया कि उ0प्र0 बीज विकास निगम का मुख्य कार्य विभिन्न फसल/प्रजातियो के उन्नत प्रमाणित बीजो का उत्पादन कर विभिन्न विक्रय करने वाली संस्थाओ के माध्यम से प्रदेश एवं देश के कृषको को बीज उपलब्ध कराया जाता है जिसके फलस्वरूप कृषको की आय दुगनी करने हेतु सरकार की नीति के अनुरूप फसलो का उत्पादन बढाया जा सके। इससे पूर्व उन्होने बुलंदषहर में बीज विधायन संयंत्र का भी निरीक्षण कर वहां की जा रही व्यवस्थाओ को देखा।
उपाध्यक्ष राजेश्वर सिंह द्वारा बताया गया कि भारत में 70 प्रतिषत से अधिक जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है, जबकि कृषि योग्य भूमि विश्व की कुल कृषि योग्य भूमि के सापेक्ष लगभग 40 प्रतिशत है। उन्होने कहा कि प्रति व्यक्ति कृषि योग्य भूमि की उपलब्धता विश्व के विकसित राष्ट्रों की तुलना में बहुत कम है। देश को खाद्यान्न में स्वावलम्बी होने के लिए प्रति हेक्टेयर उत्पादन एवं उत्पादकता में बृद्धि करना नितान्त आवश्यक है। उत्पादन एवं उत्पादकता में बृद्धि के लिए कृषि निवेशों की अहम भूमिका होती है, जिसमें से बीज एक महत्वपूर्ण निवेश है।
उपाध्यक्ष राजेश्वर सिंह द्वारा बताया गया कि वैज्ञानिक अनुसंधानों से विदित होता है कि 15-20 प्रतिशत की उत्पादन में वृद्धि उच्च गुणवत्तायुक्त बीजों के उपयोग से होती है। हरित क्रान्ति के पश्चात् यह आवश्यक हो गया था कि देश की कृषि संस्थाएं उच्च गुणवत्तायुक्त बीजों का उत्पादन कर कृषकों को उपलब्ध करायें। उन्होने बताया कि उ0प्र0 बीज विकास निगम का उदेश्य अपने कार्यक्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में उचित मूल्य पर समय से उन्नतशील प्रजातियों के बीज उपलब्ध कराना है, उच्च उत्पादकता वाली प्रजातियों के बीजो को विकसित करने के लिए अनुसन्धान संस्थाओ से समन्वय स्थापित करना तथा परिछन के आधार पर सवोत्तम प्रजातियों का चयन कर उनका जनक व आधारीय बीजो का वांछित मात्रा में प्रबंध करना आदि है।
इस अवसर परियोजना अधिकारी उ0प्र0 बीज विकास निगम मेरठ वी0के0 शर्मा, प्रभारी अधिकारी, बीज विधायन संयंत्र, मेरठ ओमपाल सिंह सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।