स्वरचिव कविता के विजेताओं को किया गया सम्मानित
मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलिज में स्थापित डा. अम्बेडकर शोध पीठ के द्वारा पिछले दिनों आयोजित हुई स्वरचित कविता प्रतियोगिता के विजेताओं को डा. भीम राव अम्बेडकर के राजनीतिक दर्शन में न्याय की अवधारणा के विषय पर आयोजित संगोष्ठी के माध्यम से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति ब्रिगेडियर डा. वी.पी. सिंह ने डा. अम्बेडकर चेयर के समन्वयक व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश श्री राजेश चन्द्रा एवं सुभारती लॉ कॉलिज के प्राचार्य डा. वैभव गोयल भारतीय के साथ संयुक्त रूप से मॉ सरस्वती व डा. अम्बेडकर की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मंच का संचालन करते हुए सुभारती लॉ कॉलिज के एसोशिएट प्रोफेसर डा. मनोज कुमार त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने डा. अम्बेडकर चेयर द्वारा शोध के विषय में किये जा रहे कार्यो से सभी को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब डा. भीम राव अम्बेडकर के जाति विहीन समाज के सपने को पूर्ण करने से ही हमारे देश का विकास सम्भव है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, जनसंख्या वृद्धि, पर्यावरण, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ आदि के सुधार हेतु बाबा साहब की विचारधारा को आत्मसात करने की आवश्यकता हैं।
कुलपति ब्रिगेडियर डा.वी.पी. सिंह ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से कौशल विकास को बल मिलता है और जिस प्रकार डा. अम्बेडकर चेयर ने भारत की आजादी के 75 वर्ष के विषय पर स्वरचित कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया यह हर्ष की बात है। उन्होंने कहा कि मन के भाव को शब्दों में पिरो कर की गई रचना कविता का रूप लेती है सभी प्रतिभागियों ने देश की संस्कृति, सभ्यता एवं इतिहास को शब्दों में पिरोकर गौरव की अनुभूति कराई है यह बहुत सराहनीय है।
डा. अम्बेडकर चेयर के समन्वयक व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश श्री राजेश चन्द्रा ने कहा कि कविता अपने मन के भाव को प्रकट करने का सबसे सशक्त माध्यम है। उन्होंने बताया कि डा. अम्बेडकर चेयर द्वारा शोध के साथ समय समय पर इस प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाती है। उन्होंने विजेताआें सहित सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए अपनी शुभकामनाएं दी।
लॉ कॉलिज के प्राचार्य डा. वैभव गोयल भारतीय ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी। उन्होंने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज में जो वर्ग विकास की राह में पीछे रह गए है उनको बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए डा. अम्बेडकर ने न्याय व्यवस्था को सर्वसुलभ बनाते हुए समाज में समानता का संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि देश की अखण्डता के लिए हमारे समाज में एकता बहुत जरूरी है। राजनैतिक दलों को चाहिए कि धर्म और जाति जैसे मुद्दे चुनाव जीतने के लिए इस्तेमाल न कर उन्हें शिक्षा, बेरोजगारी, स्वास्थय जैसे मुद्दों को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करना चाहिए ताकि देश विकास की राह पर चल पायें।
अंत में स्वरचित कविता के विजेताओं की घोषणा की गई जिसमें प्रथम स्थान पत्रकारिता संकाय के प्राचार्य डा. नीरज कर्ण सिंह को मिला। द्वितीय स्थान पॉलिटेक्निक कॉलिज के प्रवक्ता डा. कुशकेतु कुंदन श्रीवास्तव ने प्राप्त किया। तृतीय स्थान पर भाषा विभाग की आचार्य डा. सीमा शर्मा एवं मैनेजमेंट कॉलिज की सहायक प्राध्यापिका शिवानी गुप्ता रही।
इस अवसर पर डा. महावीर सिंह, डा. आर. के. घई, डा. मोनिका महरोत्रा, डा. रीना विश्नोई, डा. सारिका त्यागी सहित विश्वविद्यालय के सभी संकायों एवं विभागों के शिक्षकगण उपस्थित रहे। मिस एना सिसोदिया का कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग रहा