मेरठ। 15 दिन की देरी से मानसून ने पश्चिमी यूपी में दस्तक दे दी है। आज बुधवार को तेज बारिश हुई। इसके अलावा पश्चिमी यूपी के कई जिलों में अच्छी बारिश हुई है। बारिश से जहां मौसम सुहाना हो गया है तो वहीं किसानों के चेहरे खिल उठे हैं।
बताया गया कि बारिश न होने के कारण लगातार गर्मी का असर बढ़ता जा रहा था। इस मानसूनी सीजन में मेरठ में करीब 49 प्रतिशत बारिश कम हुई। जिससे फसलें भी प्रभावित हो रही थी। वहीं बुधवार को सुबह से ही आसमान पर काले बादल छाए और देखते ही देखते झमाझम बारिश शुरू हो गई। बारिश होने से यहां तापमान में गिरावट आई है और मौसम खुशनुमा हो गया है। बारिश होने से शहरवासियों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है।
कृषि अनुसंधान संस्थान के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एन सुभाष का कहना है कि जोरदार दस्तक के साथ मानसून की बारिश से मौसम बदल गया है। उन्होंने कहा कि अभी दो-तीन दिन तक मध्यम बारिश होने के आसार है।
शहर में नालों की सफाई की पोल मानसून की पहली बारिश ने ही खोल दी। जहां गली मोहल्लों में भारी जलभराव हो गया, वहीं नाले उफन कर सड़कों पर बहने लगे। शहर के निचले इलाके ही नहीं बल्कि ऊपरी इलाकों में भी जलभराव हो गया। यानी सीधे-सीधे नगर निगम द्वारा नाला सफाई पर खर्च किए गए करोड़ों रुपये बारिश के पानी के साथ बह गए। शहर के बड़े नाले ओडियन, आबू नाला प्रथम और आबू नाला द्वितीय ओवरफ्लो हो गए। ओड़ियन नालों के आसपास ब्रह्मपुरी सहित कई इलाकों में सड़कों पर जलभराव हो गया है।
वहीं सरधना क्षेत्र में भी आज सुबह हल्की बूंदाबांदी शुरू हुई। हालांकि इसके कुछ देर बाद तेज बारिश हुई। बताया गया कि यहां करीब एक घंटे से अधिक बारिश होने के कारण सड़कों पर जलभराव हो गया। वहीं कुछ नालों की साफ-सफाई न होने के कारण नालों का दूषित पानी भी सड़कों पर आ गया, इससे नगर की सड़कें तालाब में तब्दील होती दिखाई दी।
कंकर खेड़ा के बाजारो में बारिश का पानी भर गया निकासी ना होने ओर नालो की सफाई ना होने के कारण दुकानों में भी बारिश का पानी भर गया।