मेरठ-शोभित विश्वविधालय में डॉक्टर्स डे पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार का उद्देश्ये डॉक्टर्स डे पर उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त करते हुए बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के योगदान पर चर्चा करना था। बायोमेडिकल इंजीनियरिंग द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं ने किस तरह से डॉक्टर्स की प्रैक्टिसिंग लाइफ को आसान कर दिया इस विषय पर चर्चा करना था। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ माया दत्त जोशी के द्वारा डॉक्टर्स की महत्ता एवं बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में मेडिकल एंड टेक्नोलॉजी को इंटेग्रटे करने की महत्ता को बताया . डॉ सुधीश शुक्ल, ने डॉक्टर्स डे की थीम पर प्रकाश डालते हुए सेशन को आगे बढ़ाया।
कुलपति प्रो डॉ अमर गर्ग ने बताया की सर्वव्यापी महामारी में किस तरह से डॉक्टर्स ने अपना योगदान दिया है । महामारी बहुत कठिन थी सभी विकसित एंड विकासशील देशो ने अपने आप को असक्षम पाया। किसी भी देश की सुविधाएं कोरोना के लिए प्रॉपर नहीं थी ऐसे में डॉक्टर्स ने बहुत बड़ा योगदान दिया। उन्होंने न अपने परिवार को देखा ना ही खुद की कंडीशन को देखा सिर्फ अपने कर्तव्य को निभाया। “हमे डॉक्टर्स पर गर्व है”। उनके बिना इतनी मुश्किल कंडीशन को नहीं संभाला जा सकता था। हमे भी उनका आभार व्यक्त करना चाहिए ।
प्रो डॉ राजीव दत्ता, डीन स्कूल ऑफ़ बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग एंड लाइफ साइंसेज ने बायोमेडिकल के विशेष योगदान पर प्रकाश डाला एवं बताया कैसे बायोमेडिकल इंजीनियरिंग हेल्थ सेक्टर के डिफरेंट डोमेन्स में कंट्रीब्यूट कर रहा है। महामारी और रेगुलर हेल्थ प्रैक्टिसेज को हैंडल करने में टेक्नोलॉजी अपने आप मे एक विशेष महत्त्व रखती है। बायोमेडिकल इंजिनीर्स किस तरह से टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल के बीच के गैप को भर रहे है। वो किस तरह से हेल्थ सेक्टर में कंट्रीब्यूट करते है। उनके अनुसार टेक्नोलॉजी का मेडिकल में इंटीग्रेशन बायोमेडिकल इंजिनीर्स की देन है। उन्होंने बहुत सरे उदाहरण देते हुए बताया किस तरह से इंजीनियरिंग कैलकुलेशन एंड प्रिंसिपल्स आवशयक है हेल्थ मैनेजमेंट यूजिंग आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस सिस्टम, बायोनिक्स , ओर्थोटिक्स , प्रोस्थेटिक्स, क्लीनिकल इंजीनियरिंग , नैनोमेडिसिन , बायोमेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स , रिहैबिलिटेशन इंजीनियरिंग इत्यादि।
इसके उपरांत डॉ रजनी प्रकाश, प्रैक्टिसिंग एंड रिसर्च स्कॉलर शोभित यूनिवर्सिटी एवं डॉ मयंक मलिक प्रैक्टिसिंग ऑर्थोडोंटिक्स एंड रिसर्च स्कॉलर शोभित यूनिवर्सिटी ने बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के महत्त्व को उनके प्रोफेशन में हाईलाइट किया। उन्होंने बताया फ़ास्ट पेस पर PPE किट प्रोवाइड करवाना, एंटीजन टेस्टिंग किट, एंड सेफ्टी एक्विपमेंट प्रोवाइड करवाना बायोमेडिकल की ही देन है। उन्होंने कहा हम सब एक टीम की तरह काम करते है। उन्होंने कहा की बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के बिना हेल्थ केयर सेक्टर का डेवलपमेंट नहीं हो सकता है।
अंत में अनुपमा चौधरी, असिस्टेंट प्रोफेसर, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग द्वारा सबको धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन करने में डॉ संदीप कुमार, डॉ अल्पना जोशी, डॉ मनीषा रस्तोगी, डॉ सुब्रोतो दास, रुपेश कुमार , डॉ शिवा शर्मा , डॉ दिनेश, डॉ दीपिका अरोरा, डॉ सौरभ त्यागी , डॉ एकता नरवाल, डॉ मनोज कुमार , अभिनव पाठक, का विशेष योगदान रहा।