विवेकानंदा इंस्टिट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशन का उद्घाटन समारोह सम्पन्न
मेरठ- वर्तमान समय में सूचना एवं सम्प्रेषण के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं तो वहीं अनगिनत चुनौतियाँ भी मौजूद हैं | तकनीकी बदलाव ने जहाँ मीडिया के क्षेत्र-विस्तार में सहयोग किया है वहीं बाजार ने पूरे मीडिया परिदृश्य को बदलने का कार्य किया है | बदलते वैश्विक परिवेश में प्रशिक्षु पत्रकारों को तकनीकी जानकारी देने के साथ ही सामाजिक मूल्यों की शिक्षा देना भी जरुरी है जिससे वे स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान दे सकें | उक्त उद्गार विवेकानंदा इंस्टिट्यूट ऑफ़ प्रोफ़ेशनल स्टडीज, नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ० एस सी वत्स ने विवेकानंदा इंस्टिट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशन के उद्घाटन के अवसर पर व्यक्त किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि संस्थान द्वारा संचालित पाठ्यक्रम न सिर्फ सम्प्रेषण के सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक पक्षों पर खरा उतरेगा अपितु कुशल एवं समाज के प्रति संवेदनशील मीडियाकर्मी तैयार करने में भी अग्रणी भूमिका का निर्वहन करेगा। इस अवसर पर संस्थान के उपाध्यक्ष श्री सुनीत वत्स ने मीडिया के क्षेत्र में करियर की चाह रखने वाले प्रशिक्षु पत्रकारों को इस क्षेत्र में हो रहे बदलाव के अनुसार तैयार करने पर बल दिया, साथ ही मीडिया के क्षेत्र में उपलब्ध अवसर को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किये गये पाठ्यक्रम को उन्होंने वर्तमान की जरुरत कहा | पाठ्यक्रम की रूप-रेखा प्रस्तुत करते हुए प्रो० सिद्धार्थ मिश्र ने कहा कि मीडिया के व्यावहारिक पक्ष पर आधारित इस पाठ्यक्रम में अद्यतन अन्तर्वस्तु को समाहित किया गया है जिससे छात्र के लिए रोजगार पाना आसान हो सके | प्रो० मिश्र ने कहा कि पी जी डिप्लोमा के रूप में प्रस्तुत इस पाठ्यक्रम के दौरान व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए मीडिया के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान रखने वाले विशेषज्ञों की एक टीम उपलब्ध रहेगी जिनके निर्देशन में छात्र ‘मीडिया इंडस्ट्री’ आधारित कार्यों को सम्पादित कर सकेंगे | पाठ्यक्रम के दौरान छात्र को जापानी एवं कोरियाई भाषा भी सिखाई जाएगीं जिससे छात्र बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में भी रोजगार प्राप्त कर सकेंगे | गुरुकुल परम्परा को समावेशित कर प्रस्तुत किये गये पाठ्यक्रम को प्रो० मिश्र ने पूरी तरह से बाजारोन्मुखी एवं रोजगारन्मुखी बताया | ऑनलाइन प्लेटफार्म ‘ज़ूम’ पर आयोजित इस कार्यक्रम में सुमित पांडे, सौम्य त्यागी, दीपक अधर, अभिषेक आनन्द, रितु सिंह, एवं अश्विनी शर्मा ने भी विचार व्यक्त किया | इस अवसर पर प्रमुख रूप से प्रो० आर वेंकट राव, प्रो० टी सुब्बा राव, प्रो० रतन शर्मा, प्रो० अनुराधा जैन, प्रो० चारुलता सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में शिक्षाविद एवं छात्र उपस्थित रहे।