मेरठ। मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (एमआईईटी) के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय “तकनीकी संस्थान के विकास में शिक्षकों की भूमिका” रहा। वेबीनार में 100 से अधिक तकनीकी संस्थानों के निदेशक, डीन एकेडमिक एवं शिक्षक मौजूद रहे। वेबीनार के मुख्य अतिथि एवं वक्ता संत गाडगे बाबा अमरावती यूनिवर्सिटी से डॉ राजीव सपकाल रहे। मुख्य वक्ता डॉ सपकाल ने कहा सशक्त शिक्षक के विचार पर छात्रों का जीवन केंद्रित होता है, जो आगे किसी भी देश के विकास में भूमिका निभाता है। एक शिक्षक में 4 “एम” अर्थात् मैन, मटेरियल, मनी और मशीन शामिल हैं। इसके अलावा “डिजायर” अर्थात् कुछ हासिल करने की इच्छावा वाले व्यक्ति को किसी संस्थान का एमडी (प्रबंध निदेशक) बना सकता है। इस इच्छा के साथ विद्यार्थी के जीवन में 5 “डी” होने चाहिए, डिजायर अर्थात् कुछ हासिल करने की इच्छा, डेस्टिनेशन अर्थात् अच्छी डिग्री प्राप्त करने की मंजिल, दृष्टिकोण अर्थात् उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विशिष्ट दृष्टिकोण, डिटर्मिन्ड अर्थात् हर दिन सीखने के लिए दृढ़ संकल्प और डिरेक्शन अर्थात् छात्र को जो शिक्षक से दिशा मिलती है। भारत के एक नए शिक्षक के पास अनुभव और विशेषज्ञता, विशिष्ट व्यक्तित्व, सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण मूल्य और उचित आचरण होना चाहिए। मौलिक सुधारों के पीछे शिक्षक है। किसी संस्थान के विकास के लिए सबसे अच्छे और प्रतिभाशाली शिक्षक की भर्ती की आवश्यकता है। इस अवसर पर चेयरमैन विष्णु शरण, वाइस चेयरमैन पुनीत अग्रवाल, डायरेक्टर डॉ मयंक गर्ग, डीन एकेडमिक डॉ डीके शर्मा, डॉ. अरुण पर्वते, मीडिया मैनेजर अजय चौधरी, विश्वास गौतम आदि मौजूद रहे।