मेरठ। राष्ट्रीय सामाजिक आंदोलन ‘‘उन्मुक्त भारत‘‘ एनजीओ द्वारा अपने राष्ट्रीय संयोजक डा. अतुल कृष्ण बौद्ध के जन्मदिन के अवसर पर सुभारती विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर एक हजार दिनों तक चलने वाले मुफ्त भोजन शिविर का शुभारंभ किया गया। ज्ञात हो कि डा. अतुल कृष्ण बौद्ध शिक्षा, चिकित्सा एवं समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कर्ष्ट कार्य करने वाले सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक भी है।
उन्मुक्त भारत के राष्ट्रीय संयोजक डा.अतुल कृष्ण बौद्ध ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर आयोजित कार्यक्रम का माँ भारती के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके 1000 दिवसीय भोजन शिविर का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि भूखे व्यक्ति को भोजन कराना संसार का सबसे पुण्य का काम है। उन्होंने भोजन शिविर के संयोजक डा. विवेक कुमार और उनकी टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि मानव सेवा के कार्य में जिस प्रकार इस टीम ने पहल की है वह बहुत सराहनीय है। उन्होंने बताया कि उन्मुक्त भारत एक गैर राजनैतिक संगठन है जो देश में शिक्षा, चिकित्सा, जातिविहीन समाज, महिलाओं का उत्थान, चरित्र निर्माण, राजनैतिक व्यवस्था में सुधार एवं समाज सेवा के विभिन्न कार्य करके देश को सशक्त बनाने हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि तथागत गौतम बुद्ध ने मानवता के उत्थान हेतु पंचशील का सिद्धांत दिया था और इसी से प्रेरणा लेकर उन्मुक्त भारत द्वारा प्रेम, करूणा, मैत्री, सेवा एवं एकता का संदेश देशवासियों को दिया जा रहा है और लोगो को एकजुट करके देशहित में कार्य किये जा रहे है।
कार्यक्रम संयोजक डा. विवेक कुमार ने बताया कि उन्मुक्त भारत के सौजन्य से मेरठ की पावन क्रान्तिधरा पर स्थित सुभारती विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर लगातार 1000 दिनों तक भोजन शिविर का आयोजन होगा। उन्होंने बताया कि उन्मुक्त भारत का यह भोजन शिविर विश्व के सबसे बड़े भोजन शिविरों में से एक है और कोई भी व्यक्ति यहां आकर दोपहर का खाना खा सकता है।
इस शिविर में विशेष सहयोग नितीश भारद्वाज, अवनीश चपराणा, अदनान अब्बास, जसविंदर सिंह, अभिषेक चौधरी, शुभम गर्ग, राजेन्द्र सिंह द्वारा किया जा रहा है। भोजन शिविर के शुभारंभ होते ही एनएच 58 से गुजर रहे लोगो ने खाना खाया और उन्मुक्त भारत द्वारा शुरू किये गये पुण्य के इस कार्य की प्रशंसा की।
इस मौके पर कुलदीप नारायण, अनिल मित्तल, डा. नीरज कर्ण सिंह, राजकुमार सागर, संजीव कुमार, आनन्द पाल आदि सहित अनेकों लोग उपस्थित रहे।